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November 8, 2017
राजास्थान में अपनी 33 मांगों को लेकर सोमवार से सामूहिक अवकाश पर चल रहे सरकारी डॉक्टरों की सरकार के साथ दूसरे दिन भी वार्ता विफल रही. दूसरे दिन वार्ता निस्तारण और क्रियान्वयन पर आकर अटक गई और देर रात तक निर्णय नहीं हो पाया.
सूबे में डॉक्टरों की मांग पर सरकार का कहना है कि वह वित्तीय मुद्दों का निस्तारण 31 दिसम्बर तक कर देगी, लेकिन चिकित्सक चाहते हैं कि वित्तीय मुद्दों का क्रियान्वयन 31 दिसम्बर तक कर दिया जाएगा, यह समझौता पत्र में लिखा जाए.
मंलवार शाम छह बजे से शुरू होकर देर रात साढे़ ग्यारह बजे तक चली साढे़ पांच घंटे की वार्ता आखिरकार शब्दों की लड़ाई पर आकर एक बार फिर विफल हो गई. अब ऐसे में प्रदेश भर के सेवारत चिकित्सक अब तीसरे दिन बुधवार को भी हडताल पर रहने वाले हैं.
प्रदेश के करीब दस हजार सेवारत चिकित्सकों ने अपने इस्तीफे सरकार को सौंप कर हड़ताल कर रखी है. मुख्य सचिव अशोक जैन के हस्तक्षेप के बाद ही चिकित्सकों से वार्ता के लिए सेवारत चिकित्सकों को वार्ता का बुलावा भेजा गया था. सेवारत चिकित्सक स्वास्थ्य भवन में मंगलवार को अपनी 33 मांगों में से प्रमुख 18 मांगों को पूरा करने का प्रस्ताव बनाकर सरकार से वार्ता के लिए आए थे.
निस्तारण और क्रियान्वयन पर अटका मामला
सरकार की ओर से चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, प्रिंसीपल हेल्थ सेक्रेट्री वीनू गुप्ता और मेडीकल एजुकेशन सेक्रेट्री आनन्द कुमार मौजूद थे. वार्ता में चिकित्सा विभाग से सम्बन्धित मांगों को कमोबेश स्वीकार कर लिया गया. लेकिन, ज्यों ही मामला वित्तीय मसलों का विशेष रूप से डीएसीपी का आया तो सरकार की ओर से यह कहा गया कि इनके निस्तारण के लिए पीएचस वीनू गुप्ता, मेडीकल एजुकेशन सेक्रेट्री आनन्द कुमार और फाइनेंस की डिप्टी सेक्रेट्री मंजू राजपाल की तीन सदस्यीय कमेटी बना दी जाएगी और 31 दिसम्बर तक इसका निस्तारण कर दिया जाएगा.
बस यहीं निस्तारण और क्रियान्वयन को लेकर मामला अटक गया. स्वास्थ्य भवन में हुई इस वार्ता के दौरान एक बार तो कालीचरण सराफ नाराज होकर गाडी में बैठकर घर रवाना होने लगे, मगर चिकित्सकों ने उन्हें फिर से रोका कि अभी वार्ता समाप्त नहीं हुई है.
चिकित्सकों से सख्ती से निपटेगी सरकार
चिकित्सकों ने बुलाने पर मंत्री कालीचरण सराफ और पीएचएस वीनू गुप्ता एक बार फिर वापस स्वास्थ्य भवन में जाकर बैठे. लेकिन, हालात नहीं बदले और मामला जस का तस रहने पर चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि मरीजों को अब इन हड़ताली चिकित्सकों के रहमोकरम पर नहीं छोडा जा सकता है और सरकार इन चिकित्सकों से सख्ती से निपटेगी.
उधर जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ने बुधवार दो घंटे पेन डाउन हड़ताल की घोषणा की है. रेजीडेंट डॉक्टर्स अस्पताल में दो घण्टे के कार्य बहिष्कार पर रहेंगे.
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