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November 7, 2017
एमजेएसए ने दर्शाया सुनहरा सुहाना मंजर
लोक जीवन में हरियाली का अहसास करा रहा जन अभियान
ग्रामीणों ने पाया सुकून, मजबूत हुई ग्राम्य विकास की बुनियाद - डॉ. दीपक आचार्य
मरुभूमि राजस्थान की परंपरागत जल समस्या के खात्मे के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर संचालित मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) प्रदेश की तस्वीर बदलने वाला महाभियान सिद्ध हो रहा है। जनता ने जिस आत्मीयता के साथ इसे स्वीकारा और जल के महत्व को जानकर समर्पित भागीदारी अदा की है, उसने इसे बहुत बड़ा और ऎतिहासिक जन अभियान सिद्ध कर दिखाया है।
इस अभियान के चरणबद्ध बेहतर क्रियान्वयन ने आशातीत उपलब्धियाँ हासिल की हैं। एमजेएसए ने मनुष्यों से लेकर मवेशियों और पक्षियों तक के लिए पेयजल की सुविधाओं का विस्तार किया है वहीं प्यासे खेतों में सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता की वजह से आँखों से लेकर तन-मन को ताजगी का अहसास कराने वाला हरियाली का सुकूनदायी मंजर दिखने लगा है।
जल की उपलब्धता से पर्यटन, पशुपालन, वन विकास और आंचलिक तरक्की के कई आयामों को सम्बल प्राप्त हुआ है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ग्रामीणों की अर्से से चली आ रही कई समस्याओं का समाधान इस अभियान ने दो-तीन वर्ष में ही कर डाला है।
राजस्थान के सभी क्षेत्रों की ही तरह प्रदेश के राजसमन्द जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने उपलब्धियों का परचम लहराते हुए ग्रामीणों को जीवननिर्वाह का वह सुकून दे दिया है जिसके लिए वे लम्बे समय से प्रतीक्षा करते आ रहे थे।
जनता का अपना अभियान बना
अभियान की लोक कल्याणकारी एवं आंचलिक विकास को सम्बल देने वाली गतिविधियों के प्रति आम जन का रुझान और हर तरह की जन भागीदारी का ही परिणाम है कि आज यह अभियान राजस्थान की जनता का अपना अभियान बन चला है।
राजसमन्द जिले में हर ब्लॉक में एमजेएसए की गतिविधियों ने ग्राम्य लोक जीवन को सँवारने तथा ग्राम्यांचलों की तस्वीर बदलने में अहम् भूमिका निभायी है।
जिला मुख्यालय से दूरस्थ मानी जाने वाली देवगढ़ और भीम पंचायत समितियों में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी जल संरचनाओं का निर्माण हुआ है और इनकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में काफी हद तक पानी की समस्या का निदान हुआ है वहीं खेती-बाड़ी और पशुपालन क्षेत्र को भी फायदा मिला है।
पशुओं के लिए चारे की समस्या पर अंकुश लगा है, वन्य जीवों के लिए पहाड़ी क्षेत्र में जगह-जगह पेयजल सुलभ हुआ है, कूओं तथा भूमिगत जल में बढ़ोतरी हुई है, और परिवेशीय सौन्दर्य में अभिवृद्धि देखी जा रही है।
दोनों ही पंचायत समितियों में एमजेएसए के अन्तर्गत जलग्रहण एवं भूसंरक्षण विभाग की ओर से व्यापक पैमाने पर जल संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। इनमें देवगढ़ पंचायत समिति की कुन्दवा ग्राम पंचायत अन्तर्गत अनोपपुरा गांव में 5.10 लाख की लागत से 5.61 टीसीएम जल धारण क्षमता का सीसीटी कार्य व 4.83 लाख की लागत से थाली कांकर एनिकट का रिनोवेशन कर 2 एमसीएफटी जलग्रहण क्षमता विकसित की गई है। इसी प्रकार अनोपपुरा में ही 2.8 लाख रुपए की धनराशि से 3.24 टीसीएम जल संग्रहण क्षमता की स्ट्रगर्ड ट्रेन्चेस बनाई गई है।
राजसमन्द जिले की भीम पंचायत समिति में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत बड़ी संख्या में जल संरचनाओं का निर्माण कराया गया हैं इनमें अजीतगढ़ में निर्मित कई जल संरचनाएं जल संग्रहण व भूमिगत जलस्तर में बढ़ोतरी की दिशा में कारगर सिद्ध हो रही हैंं। इन पर व्यय राशि कम होने के बावजूद इनकी उपयोगिता सिद्ध हो रही है।
इनमें 80 हजार की लागत से डीप सीसीटी कार्य और 48 हजार की लागत से सीसीटी का निर्माण किया गया है। इन संरचनाओं से क्षेत्र में जमीनी पानी का स्तर बढ़ा है वहीं 5-6 माह तक बरसाती पानी हर साल रुके रहने की उम्मीद आकार लेने लगी है। अजीतगढ़ में ही स्कूल मैदान के पास 2 टीसीएम जल संग्रहण क्षमता के एमपीटी का निर्माण कराया गया है जिस पर मात्र 53 हजार रुपए लागत आयी है।
क्षेत्र भर में इसी प्रकार बरसाती पानी को गांव में ही रोके रखने और लम्बे समय तक उपयोग में लाने लायक जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण हुआ है। इनमें भीम पंचायत समिति अन्तर्गत आमनेर और पालरा तथा देवगढ़ पंचायत समिति अन्तर्गत दौलत जी का खेड़ा, कालेसरिया, निमझर आदि गांवों में हुए काम प्रमुख हैं। इन जनोपयोगी जल धामों ने क्षेत्रीय विकास से जुड़ी कई गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है।
इन जल संरचनाओं के निर्माण से क्षेत्र में जल संरक्षण गतिविधियों को सम्बल प्राप्त हुआ है और ग्रामीणों में भी बरसाती पानी के संग्रहण और दीर्घकाल तक इसे उपयोगी बनाए रखने की दिली भावनाएं जगी हैं।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की आशातीत सफलता से अभिभूत ग्रामीण अब तक वंचित रहे इलाकों में भी इस अभियान की गतिविधियों को आरंभ करने तथा इसमें अपनी ओर से हरसंभव भागीदारी निभाने के लिए संकल्पबद्ध होकर आगे आ रहे हैं।
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