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November 7, 2017
राजस्थान के जनजाति विकास मंत्री नंदलाल मीणा ने कहा कि विभाग के छात्रावासों में विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए, जिससे उनके लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त हो सके. सभी छात्रावासों में 1 जनवरी 2018 तक बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था होनी चाहिए.
मंत्री मीणा ने सोमवार को सचिवालय के मंत्रालय भवन में विभाग में शामिल छात्रावासों के बेहतर संचालन के संबंध में बैठक को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जिन छात्रावासों के परीक्षा परिणाम बेहतर आ रहे हैं, उनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाना चाहिए. साथ ही एक कार्यशाला का आयोजन होना चाहिए, जिनमें ये शिक्षक अपने अनुभव को साझा कर सकें.
मंत्री मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए आदिवासी क्षेत्र में संचालित सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार होना चाहिए, जिससे आदिवासी जनजाति इन योजनाओं के लिए जागरुक हों सकें. योजनाओं के प्रचार-प्रचार के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का समुचित उपयोग होना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में प्रतिमाह निरीक्षण होना चाहिए और इसकी रिपोर्ट कमिश्नरेट स्तर पर हर महीन पहुंचाएं.
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी मोहन्ती ने कहा कि विभाग द्वारा एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया जाना चाहिए, जिसमें सभी छात्रावासों में प्रार्थना सभा, खाद्य सामग्री की जांच, विद्यार्थियों की फोटोग्राफ को भेजा जाना चाहिए. इससे प्रतिदिन छात्रावासों की मॉनिटरिंग हो सके.
उन्होंने बैठक में छात्रावासों में 5 वर्ष से अधिक पदस्थापित छात्रावास अधीक्षकों की सूचना, मेस कमिटी के गठन, छात्रावासों में कोचिंग व्यवस्था का प्रमाण पत्र, छात्रावास में दी जा रही खाद्य सामग्री का निरीक्षण सहित विभिन्न बिन्दुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इस अवसर पर विभाग के प्रभारी अधिकारी और परियोजना अधिकारी मौजूद थे.
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