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November 5, 2017
तीन महीने से आंदोलन कर रहे अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने आंदोलन सफल नहीं होने के बाद चिकित्सकों ने अपने इस्तीफे सरकार को सौंप दिये. यदि रविवार को कोई हल नहीं निकलता हैं तो सोमवार से राजस्थान में चिकित्सा सेवाएं ठप हो जाएंगी.
चिकित्सक संघ तीन महीने से अपनी 33 सूत्री मांग को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन चला रहा था. आंदोलन के दौरान चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर और कार्य बहिष्कार करते हुए आंदोलन किया. इस दौरान चिकित्सकों और सरकार और चिकित्सा मंत्री के साथ कई बार वार्ता हुई. जिसमें चिकित्सकों ने सरकार पर संवेदहीन होने का आरोप भी लगाया.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालाखेड़ा जहां पर सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं. यदि सरकार डॉक्टर्स की मांगे नहीं मानती है, तो सोमवार से मरीजों को इलाज के दर दर भटकना पड़ सकता है. आपातकाल सेवाओं की क्या व्यवस्था रहेगी इसका भी कुछ पता नहीं है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालाखेड़ा में रोजाना प्रसव के लिए महिलाएं बड़ी संख्या में आती हैं. अगर डॉक्टरों की उपस्थिति अस्पताल में नहीं होती है, तो यह सेवा भी प्रभावित होगी. इसके साथ-साथ अन्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं भी प्रभावित होंगे. जिससे आम जनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार से लोगों को होने वाली परेशानी के लिए जिम्मेदार सरकार और चिकित्सा विभाग होगा. वहीं जिला चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ़ मोहनलाल सिंधी ने कहा कि चिकित्सक 3 महीने से लगातार 33 सूत्री मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके आंदोलन कर रहे थे. सरकान ने हमारी मांगे नहीं मानी इसलिए सभी चिकित्सकों ने सोमवार से काम पर नहीं जाने का निर्णय लिया है.
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