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November 4, 2017
विद्युत नियामक आयोग ने छोटे उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की है। नियामक आयोग ने तीनों बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका पर निर्देश दिए हैं कि अगले साल 1 अप्रैल 2018 से बिजली का बिल हर महीने दिया जाएगा।
आयोग के इस कदम से छोटे बिजली उपभोक्ताओं काे यह राहत मिलेगी कि उनकी बिजली खपत कम होने के कारण उनके पहले स्लेब की यूनिट का चार्ज लगेगा। दो महीने में यूनिट बढ़ने से स्लेब दर भी बढ़ जाती थी और चार्ज भी उसी मुताबिक बढ़कर लगता था। ऐसे में बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर भार बढ़ जाता था। इसके अलावा अगर बिजली का बिल तय तारीख से 10 दिन पहले बिल जमा करा दिया जाएगा तो 0.35 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसी तरह बड़ी औद्योगिक इकाइयों को डिस्कॉम की बिजली का ज्यादा उपभोग करने को प्रेरित करने के लिए 50% से ज्यादा लोड फैक्टर पर 15 पैसे प्रति यूनिट देने के निर्देश भी दिए।
इसके अलावा विद्युत नियामक आयोग ने मीटरिंग, बिलिंग और रेवेन्यू कलेक्शन को डिस्कॉम की रीढ़ की हड्डी माना है। इसके ऑटोमेशन सुधार पर जोर दिया है। डिस्कॉम्स को ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग, एसएमएस से बिजली बिलों की सूचना, बिलों के ऑनलाइन भुगतान को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
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