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November 1, 2017
राजस्थान के अफीम उत्पादक किसानों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देते हुए कटे हुए पट्टे बहाल करने का निर्णय लिया है.
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इस संबंध में नोटीफिकेशन जारी कर किसानों देवउठनी एकादशी पर सौगात दी. इसके तहत अब 1998 से 2003 तक औसत से कम अफीम देने से अपात्र हुए किसानों को मानक औसत से एक किलो प्रति हैक्टेयर तक की औसत में छूट देते हुए उन किसानों के कटे हुए पटटे बहाल होंगे.
सांसद सीपी जोशी के अनुसार किसानों को औसत अफीम देने में एक किलो/हैक्टेयर की छूट दी है. यह छूट उनके लिए है जो किसान वर्ष 1998 से 2003 तक औसत से कम अफीम देने पर अपात्र घोषित हो गए थे. ऐसे किसानों को उस वर्ष की मानक औसत से एक किलोग्राम प्रति हैक्टेयर तक की औसत में छूट प्रदान कर की गई है.
13 साल से कटे पट्टे भी बहाल
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इसके साथ ही एक अप्रैल 2004 से अब तक विभागीय कारणों से निरस्त हुए पटटे भी बहाल करने का निर्णय लिया है. इसपर सांसद जोशी ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली, वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला सीएम वसुंधरा राजे का आभार जताया है.
एमपी में दो खंडों के किसानों को आज से पट्टे
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो कार्यालय खंड दो के अंतर्गत आने वाले गांवों के किसानों को अफीम की खेती के लिए पट्टों (लाइसेंस) का वितरण 1 नवंबर से किया जाएगा. खंड एक अंतर्गत आने वाले किसानों को 2 नवंबर से पट्टे दिए जाएंगे. नई संशोधित अफीम नीति आने के बाद अब कुल 2369 किसान लाइसेंस लेने के लिए पात्र हो गए हैं. इसके पहले 1692 किसान ही पात्र थे. यानी संशोधित नीति से 677 किसानों को फायदा हुआ है.
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