For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 102456731
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: जिला कलक्टर ने ग्राम पंचायत जेठाना में लगाई रात्रि चौपाल, ग्रामीणों की सुनी समस्याएं ,दिए त्वरित निस्तारण के निर्देश |  Ajmer Breaking News: अपनों के साथ, अपनों के बीच- जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत का पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के गांवों में दौरा |  Ajmer Breaking News: नवीन मेडिसन ब्लॉक का हुआ शुभारम्भ, संपूर्ण संभाग के व्यक्तियों को मिलेगा चिकित्सा सुविधाओं का लाभ - श्री देवनानी |  Ajmer Breaking News: अजमेर मण्डल पर मनाया गया विश्व विरासत दिवस, विश्व विरासत दिवस पर अजमेर मंडल की विरासत की साक्षी हेरिटेज ट्रेन  "वैली क्वीन"  |  Ajmer Breaking News: पुष्कर में होटल से दो युवक अवैध हथियार समेत गिरफ्तार, रिवाल्वर और 6 जिंदा राउंड जब्त |  Ajmer Breaking News: पुष्कर कांग्रेस ने पीएम का पुतला फूंककर ईडी की कार्यवाही का जताया विरोध |  Ajmer Breaking News: पुष्कर में कार का शीशा तोड़कर लाइसेंसी रिवाल्वर व मोबाइल चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, पांच आरोपी गिरफ्तार |  Ajmer Breaking News: यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध- राठौड़ |  Ajmer Breaking News: आबकारी नीति के खिलाफ नियमों को ताक में रखकर मंदिर के सामने खोले जा रहे ठेके का क्षेत्रवासियों ने क्या विरोध, शराब की दुकान पर ताले लगाकर दी चेतावनी |  Ajmer Breaking News: नेशनल हेराल्ड केस में ईडी द्वारा चार्ज शीट पेश करने के बाद देशभर में कांग्रेस दवाब बनाने के लिए ईडी अधिकारियों के खिलाफ कर रही है प्रदर्शन, | 

क़लमकार: जीएसटी के काले साये से मोदी का जादू खत्म

Post Views 801

October 17, 2017

GST ke kaale saye se modi ka jaadu khatam

तीखी बात

जीएसटी के काले साये से मोदी का जादू खत्म !

अभी उन बातों को अधिक समय नहीं बीता है जब देश की जनता राजनैतिक रैलियों में मोदी-मोदी चिल्लाती थी। जनता को आशा थी कि नरेन्द्र मोदी, समाज के निचले आर्थिक वर्ग से आए हैं, उन्होंने गरीबी तथा उसके दुःखों को निकट से देखा है, इसलिए वे देश की जनता को राहत पहुंचाएंगे। पिछली कांग्रेस सरकार ने देश में जितने अधिक और जितने बड़े घोटाले किए थे, उनसे जनता बुरी तरह त्रस्त थी और उसे लगता था कि उसके दुःखों की समस्त जड़ कांग्रेस के शासन में छिपी है। इतना ही नहीं, जनता को लगता था कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की आड़ में देश की बहुसंख्यक जनता का मनोबल कुचल रही है। इसलिए देश की जनता राष्ट्रवादी विचारधारा वाली मजबूत सरकार चाहती थी। यही कारण था कि 2014 में नरेन्द्र मोदी हजार बाधाओं को पार करके 129 साल बूढ़ी कांग्रेस को हराकर प्रबल बहुमत से देश के प्रधानमंत्री बने थे। 

इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार आम आदमी के भरोसे को कुचलकर अपने ही सपनों का भारत बनाने में जुट गए। आते ही रेलवे प्लेटफॉर्म के टिकट का शुल्क 3 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए किया। पैट्रोल-डीजल के भावों को रोज बदलने का खेल चालू किया। नोटबंदी करके करोड़ों लोगों को रोजी-रोटी पर खतरे की तलवार लटका दी। पूरा देश लड़ने-झगड़ने वाले और पुलिस की लाठियां खाने वाले इसंानों लम्बी कतारों में बदल गया। 

बैंकों की जमाओं पर ब्याज दरें 10 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत करके बूढ़े लोगों की रोटी पर तुषारापात किया गया। देश के लोगों पर जबर्दस्ती डिजीटलाइजेशन लादने से पकी हुई उम्र के लोगों में हताशा बढ़ी, उन्हें अपने समस्त बैंक खातों, टेलिफोन नम्बरों, सैलफोन नम्बरों, पोस्ट ऑफिस के जमा खातों, पीपीएफ खातों तथा बैंक लॉकरों को आधार कार्ड से जुड़वाने के लिए फिर से कतारों में लगना पड़ा। अभी जनता इस दुखड़े से उबरी भी नहीं थी कि मोदी सरकार ने जनता को जीएसटी के काले जादू में फंसा दिया। उन चीजों पर भी 18 प्रतिशत टैक्स लग गया जिन पर कभी लगता ही नहीं था। कपड़ा व्यापारियों और सर्राफा व्यापारियों ने कई हफ्तों तक काम बंद रखा किंतु मोदी सरकार नहीं पसीजी। 

देश के इतिहास में ऐेसा पहली बार हुआ कि पैनल्टियों पर सरकार ने कर ऐंठने का खेल चालू किया। बैंकों के एनपीए के घाटे को पूरा करने के लिए बैंक लॉकरों के शुल्क में वृद्धि की गई और उन पर जीएसटी लादा गया। बैंक में दिए गए चैक के अनादरित हो जाने पर 300 से 500 रुपए की पैनल्टी और उस पैनल्टी पर 18 प्रतिशत जीएसटी लादा गया। ऑन लाइन व्यापार को इण्टर स्टेट और इण्ट्रा स्टेट में बांटकर, चोट पहुंचाई गई। बैंकों के जमा और चालू खातों में न्यूनतम राशि की सीमा चुपचाप बढ़ाई गईं और लोगों पर 500 से 1000 रुपए तक की पैनल्टी लगाकर उनके खातों में डेबिट की गई। जले पर नमक छिड़कते हुए उस पैनल्टी पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी जोड़ी गई। देश में हाहा-कार मच गया।

16 अक्टूबर को गुजरात में दिए गए एक भाषण में मोदी ने कहा है कि जीएसटी के लिए कांग्रेस बराबर की भागीदार है। अर्थात् नरेन्द्र मोदी को ग्लानि का अनुभव होने लगा है और उन्हें गुजरात के चुनावों में हार का डर सताने लगा है। इसलिए वे अपनी विफलता का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ना चाहते हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि जब मोदी सरकार के मंत्री संसद में जीएसटी बिल पास करवाने के लिए सोनिया गांधी के पास गए थे तो सोनिया गांधी ने कहा था कि आपके पास बहुमत है, आप क्यों नहीं पारित कर लेते जीएसटी बिल ? आज मोदी अपनी सरकार की विफलता का भाण्डा कांग्रेस के माथे फोड़कर गुजरात के भावी चुनाव जीतना चाहते हैं ! ये पब्लिक है, सब जानती है। मोदी सरकार की खराब नीतियों का ही परिणाम है कि जनता के सिर से मोदी का जादू इतनी जल्दी उतर गया। सरकार बनने पर नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि न चैन से बैठूंगा और न बैठने दूंगा। जनता ने तब इसका मतलब कुछ और समझा था किंतु अब जनता इन शब्दों का दूसरा अर्थ निकाल रही है। 

नरेन्द्र मोदी के सम्बन्ध में जनता की तेजी से बदलती हुई धारणा का परिणाम सामने है। महाराष्ट्र के नांदेड़-वाघला नगर निकाय चुनावों में भाजपा की जैसी बुरी गत बनी है इसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। 81 में से 67 सीटें कांग्रेस ले उड़ी तथा भाजपा की झोली में केवल छः सीटें आईं। पंजाब के गुरदासपुर संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की बुरी गत बनाई तथा स्वर्गीय विनोद खन्ना की यह सीट कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने दो लाख वोटों के अंतर से छीनी। अगस्त 2017 में हुए चुनावों में आप पार्टी ने दिल्ली राज्य के बवाना विधान सभा क्षेत्र की सीट पर भाजपा को चारों खाने चित्त किया। गुजरात में पिछले महीनों हुए राज्यसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस के हाथों मुंह की खाई तथा सोनिया गांधी के मुख्य सलाहकार अहमद पटेल इस सीट को भाजपा के हाथों से ले उड़े। सितम्बर 2017 में हुए गुड़गांव (गुरुग्राम) नगर निकायों में भी भाजपा ने करारी हार का सामना किया। उसे 35 में से केवल 14 सीटें मिलीं। आश्चर्य की बात यह थी कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के कुशासन से तंग आई हुई जनता ने 20 निर्दलीय प्रत्याशियों को बोर्ड की चाबी सौंपी। 

भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन को पिछले कुछ महीनों में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, गंगटोक विश्वविद्यालय, गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा। हद तो तब हो गई जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी की भद पिटी !

अभी भी समय है कि मोदी सरकार इस तथ्य को समझे कि देश की जनता देश का पुनर्निर्माण चाहती है न कि विध्वंस। जनता को यह देखकर कोई खुशी नहीं होगी कि जिस मोदी को उन्होंने एक दिन अपने सिर माथे पर बैठाया था, आज उसके ही विरोध में खड़े होना पड़ा।


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved