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September 15, 2017
कांग्रेस, जेडी (यू), सीपीआई (एम), आरजेडी, आरएलडी सहित विभिन्न पार्टियों के साझा विरासत बचाओ सम्मेलन में राष्ट्रीय और प्रदेश नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आड़े हाथों लिया। साझा विरासत अभियान के संयोजक और जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने 2014 के चुनाव में आज की विपक्षी पार्टियां बिखरी हुई थी। इसलिए 31 फीसदी वोट पाकर भाजपा नीत सरकार बन गई। 2014 में 69 फीसदी जनता ने आज के राज के खिलाफ वोट दिया। लेकिन जिनको 69 फीसदी वोट मिला वे पार्टियां बिखरी हुई थी। यही संकट रहा कि 69 फीसदी वोट वाले लोग बाहर है और 31 फीसदी वाले सत्ता में हैं। हम संविधान में विश्वास कर 69 फीसदी लोगों को एकजुट कर राष्ट्र बचाने का काम करेंगे। राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि केवल सत्ता के लिए साझा विरासत नहीं चलाई है। मैं मोदी और मोहन भागवत को चुनौती देता हूं, आए किसी मंच पर और बताएं कि इनके कौन-कौन लोग थे जिन्होंने गांधी, नेहरु और सरदार पटेल का साथ दिया था। भाजपा के श्यामा प्रसाद मुखर्जी वही हैं, जिन्होंने पत्र लिखा था कि भारत छोड़ो आंदोलन को कुचल देना चाहिए। पत्र सबूत है। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ उस निर्णायक युद्ध में भारत के साथ गद्दारी की हो.. आज वे भारत को राष्ट्रवाद और तिरंगे का सम्मान करना नहीं सिखा सकते। मेरा पीएम पर सीधा आरोप है कि आपने नव जवानों के साथ धोखा किया है। किसानों के साथ वादाखिलाफी की है। इकोनॉमी पर नोटबंदी और अन्य तरीकों से ऐसी चोट पहुंचाई है कि कई-कई साल देश लडख़ड़ाता रहेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि आने वाले समय की राजनीति बदलेगी। सकारात्मक होगी। विरासत दलों से बहुत बड़ी होती है। व्यक्ति से बड़ा दल और दल से बड़ा देश है। राजीव गांधी पीएम थे, 425 सांसद थे। कभी राजीव ने नहीं कहा कि वे विपक्ष मुक्त भारत बनाना चाहते थे। उस समय भाजपा के 2 सांसद थे, लेकिन आज भाजपा के नेता कांग्रेस मुक्त और विपक्ष मुक्त भारत की बातें करते हैं। हमने विपक्ष को मान-सम्मान देने की परंपरा दी।
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