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September 15, 2017
राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग व न्यायाधीश रामचंद्रसिंह झाला की खंडपीठ ने बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल में दो महीने में 90 नवजात शिशुओं की मौत के मामले को गंभीरता से लिया और स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज कर चिकित्सा व स्वास्थ्य सचिव व कलेक्टर बांसवाड़ा को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्र से जुड़ा यह मामला काफी गंभीर है। सरकार भी इसे गंभीरता से ले। कोर्ट ने एएजी श्यामसुंदर लदरेचा को राज्य सरकार के नाम नोटिस दिया और पूछा कि 90 नवजात शिशुओं की मौत के क्या कारण हैं, इस संबंध में स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने रिपोर्ट में एमजी अस्पताल में मौजूद मेडिकल सुविधाओं के संबंध में भी जानकारी देने को कहा है। 90 नवजात शिशुओं में 49 बच्चे और 41 बच्चियां थीं। अगली सुनवाई 30 अक्टूबर मुकर्रर की है। पिछले दिनों राजस्थान हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बांसवाड़ा के अध्यक्ष को सात दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए ईद का अवकाश होने के बावजूद संज्ञान लिया गया था।बांसवाड़ा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है।
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