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September 14, 2017
प्रदेश के जलदाय विभाग इन दिनों लोगों के लिए समस्या का कारण बना हुआ है. विभाग में आम लोगों की पेयजल समस्याओं की सुनवाई होना तो दूर वीआईपी मामलों की भी सुनवाई नहीं हो रही है. प्रदेश में पेयजल समस्याओं की जलदाय विभाग में सुनवाई नहीं होने वाले मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जलदाय विभाग में वीवीआईपी और वीआईपी जनप्रतिनिधियों के प्रकरण भी काफी समय से लंबित चल रहे हैं. इन लंबित मामलों में केन्द्रीय मंत्रियों से लेकर सांसद, प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों तक के मामले शामिल हैं. दरअसल जलदाय विभाग में अधिकारियों और इंजीनियरों की लापरवाही के चलते केन्द्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़, केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी, केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के साथ ही प्रदेश के राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी सहित तमाम मंत्रियों के नाम शामिल है.जलदाय विभाग में वीवीआईपी और वीआईपी के 90 प्रकरणों की लंबे समय से सुनवाई होने को मुख्यमंत्री कार्यालय ने गंभीर लापरवाही मानते हुए जलदाय विभाग प्रमुख शासन रजत मिश्र को पत्र लिखकर शीघ्र प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए लिखा है. वहीं लोगों का कहना है कि शहर में आए दिन पानी से जुड़ी ससम्याएं बढ़ती जा रही हैं लेकिन विभाग है कि कार्रवाई करने को तैयार ही नहीं है.
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