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September 14, 2017
आत्मकल्याण के बोध का हवाला देते हुए एक युवा दंपत्ति सांसरिक मोहमाया को त्यागकर संत बनने जा रहा है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की रहने वाली अनामिका और एमपी के नीमच निवासी उनके पति सुमित ने अपनी करोड़ों की प्रोपर्टी के साथ तीन वर्षीय अपनी मासूम बेटी इभ्या का भी त्याग करने का निर्णय ले लिया है। ये दंपत्ति आगामी 23 सितम्बर को गुजरात के सूरत में जैन भगवती शिक्षा लेगा। बच्ची के भी त्याग के सवाल पर सुमित और अनामिका का कहना है कि यह बच्ची तो पुण्यशाली है, क्योंकि इसके जन्म के बाद ही उन्हें आत्मकल्याण का बोध हुआ है।अनामिका भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चंडालिया की बेटी है। उनका विवाह नीमच निवासी सुमित राठौड़ के साथ करीब चार वर्ष पूर्व हुआ था। सुमित नीमच के जानेमाने कारोबारी परिवार से आते है। लंदन से एक्सपोर्ट इंपोर्ट का डिप्लोमा लेने वाले सुमित ने लंदन में दो वर्ष तक नौकरी करने के बाद नीमच में अपने पैतृक कारोबार को भी आगे बढ़ाया। सुमित और अनामिका जैन आचार्य रामलाल महाराज के सान्निध्य यह दीक्षा लेंगे।
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