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September 14, 2017
अखिल भारतीय किसान सभा का महापड़ाव बुधवार को 13वें दिन आधीरात 12:30 बजे उठा लिया गया। इससे पहले सरकार के चार मंत्रियों के साथ पंत कृषि भवन में किसान सभा के नेताओं की दोपहर सवा एक बजे से रात 12:30 बजे तक मैराथन मीटिंगें चलीं। किसानों ने पूर्ण कर्जमाफी की मांग की थी। सरकार ने 50 हजार रुपए तक के कर्ज माफी की सहमति दे दी। वार्ता में शामिल माकपा नेता अमराराम ने बताया कि इससे सरकार पर 20 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। प्रमुख मांगों में स्वामीनाथन आयोग की 80 प्रतिशत से अधिक सिफारिशें लागू करने, लागत मूल्य से 50 फीसदी अधिक समर्थन मूल्य रखने के लिए केन्द्र को पत्र लिखने की मांग सरकार ने मानी। अब तक 3 वर्ष से बड़े बछड़ों की बिक्री ही हो सकती थी, इसे घटाकर दो वर्ष कर दिया है। िकसानों की कुल 11 मांगों पर सहमति बनी, तब आंदोलन टूटा।
सरकार की तरफ से वार्ता में कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्रसिंह राणावत, सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक, जलसंसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी शामिल हुए। किसान सभा की तरफ से पूर्व विधायक अमराराम, पेमा राम, माकपा नेता हरफूल सिंह, श्योपतराम, गुरुशरण सिंह, नारायण डूडी, लालचंद भादू और छगनलाल शामिल हुए। इससे पहले सीकर, झूंझुनू, बीकानेर, गंगानगर में बड़े स्तर पर किसानों ने हाईवे पर महापड़ाव डाला। मंडिया और रास्ते बंद रहने से दूध-सब्जी आदि की सप्लाई बाधित रही। बसों-ट्रकों का आवगमन ठप रहा। हाईवे रात 12:30 बजे खुल गए।
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