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September 12, 2017
राजस्थान में आंदोलनरत किसानों के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को विशेष छूट का ऑफर देते हुए बड़ी राहत प्रदान की. सबका साथ सबका विकास, पीपल फर्स्ट और राइजिंग राजस्थान वाले हैशटैग के साथ सीएम राजे ने फेसबुक पर किसानों को इस राहत की जानकारी दी. इस फेसबुक पोस्ट में राजे ने कहा कि, प्रदेश के जिन किसानों का ऋण अवधिपार हो चुका है, ऐसे किसानों को सरकार ने राहत प्रदान करते हुए 31 मार्च, 2018 तक ऋण का चुकारा करने पर 50 प्रतिशत तक ब्याज़ माफ किया है. किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील है और किसानों को राहत देने के लिए सहकारी भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणियों का 50 प्रतिशत तक ब्याज माफ किया गया है.उधर, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि किसानों को बड़ी राहत देते हुए केन्द्रीय सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों के ओवर ड्यू हुए ऋण को जमा कराने की तिथि 31 दिसम्बर, 2017 तक बढ़ा दी गई है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे किसानों के प्रति बहुत संवेदनशील है और उन्होंने किसानों की राहत के लिए कदम उठाने के लिए निर्देश दिए थे. किलक ने बताया कि इस योजना से ऐसे ऋणियों एवं किसानों को फायदा होगा, जो किन्हीं कारणों से अपने ऋणों का समय पर नहीं चुका पाए थे. ऐसे किसानों के लिए एक मुश्त समझौता योजना लागू की थी और यह योजना 30 जून तक लागू थी. अब ऐसे किसान जो 31 दिसम्बर तक ऋण का चुकारा करेंगे उन्हें दो से 9 प्रतिशत तक ब्याज दर में फायदा मिलेगा. सहकारिता मंत्री ने बताया कि 30 जून के बाद ऐसे ऋणी जो अपने अवधिपार ऋण जमा करा चुके हैं तथा योजना के दायरे में आते हैं, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस योजना में ऋण के अवधिपार होने की दिनांक से राशि चुकाने की दिनांक तक ऋण स्वीकृति पत्र में अंकित ब्याज दर या 10 प्रतिशत ब्याज दर, जो भी कम हो, साधारण ब्याज वसूल किया जाएगा. इस योजना से प्रदेश के लगभग 1 लाख 65 हजार किसानों को फायदा होगा और 300 से 400 करोड़ रुपए की किसानों को राहत मिलेगी. किलक ने बताया कि इस योजना में अधिक से अधिक बाकीदारों को शामिल करने तथा योजना के प्रावधानों को अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए पूर्ववर्ती योजना के नियमों में ढ़ील दी गई हैं. सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत वे सभी कृषि एवं अकृषि ऋण सम्मिलित किए गए हैं, जो कि एक
अप्रेल, 2013 या इससे पहले ही अवधिपार हो चुके हैं.
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