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September 10, 2017
तीखी बात - डॉ मोहनलाल गुप्ता
गलती अनजाने में होती है। ट्वीट बहुत सोच समझकर किया जाता है। रीट्वीट तो और भी अधिक सोच-समझ कर किया जाता है। गलती नौसीखिए से होती है, दिग्विजयसिंह जैसे पके-पकाए, मंजे हुए नेता गलती नहीं करते। गलती का भार आदमी अपने कंधों पर लेता है किंतु दिग्विजय सिंह ने ट्वीट की गंदगी का भार रवीश कुमार के कंधों पर डालने का प्रयास किया है। जब दिग्वजियसिंह की पार्टी की मालकिन श्रीमती सोनिया गांधी, चुनावों में देश के भावी प्रधानमंत्री को हत्यारा बता सकती हैं तो दिग्विजयसिंह देश के प्रधानमंत्री को गुण्डा तो कह ही सकते हैं! यह आज की कांग्रेस की कल्चर है, इसमें बेचारे दिग्विजयसिंह की गलती कैसे साबित होती है!
कांग्रेस के छोटे मालिक श्री राहुल गांधी जेएनयू में जाकर कन्हैया के साथ हमें चाहिए आजादी का नारा लगा सकते हैं, मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान में जाकर भारत में कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए गिड़गिड़ा सकते हैं तो क्या बेचारे दिग्विजय सिंह पार्टी की इतनी भी सेवा नहीं कर सकते कि वे प्रधानमंत्री को गुण्डा कह दें! जब राहुल गांधी बिना किसी जांच के बैठे, बिना कोई सुराग हाथ आए, हिन्दुत्ववादियों को गौरी लंकेश का हत्यारा बता सकते हैं तो क्या दिग्विजय सिंह गुण्डा जैसे छोटे शब्द का प्रयोग भी नहीं कर सकते! पाठकों को पता ही है कि दिग्विजय सिंह राज्य सभा सांसद होने के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के महासचिव भी हैं, जब वे कुछ कहते हैं तो यह माना जाना चाहिए कि यह कांग्रेस कह रही है।
इस रीट्वीट की कहानी इस तरह है कि किसी कुण्ठित व्यक्ति ने सोशियल मीडिया पर एक पोस्टर चस्पा किया जिसमें एनडीटीवी के एंकर रवीश कुमार के चित्र के साथ एक स्लोगन बनाकर लगा दिया कि मुझे दुख है कि मोदी जैसा गुण्डा मेरा प्रधानमंत्री है। दिग्विजयसिंह ने इस ट्वीट को रीट्वीट किया। जब रवीश ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए ऐसे घटिया शब्दों का प्रयोग नहीं किया तो दिग्विजयसिंह ने दूसरा ट्वीट करके रवीश से माफी मांग ली। इस रीट्वीट और री-रीट्वीट में दिग्विजयसिंह जो काम करना चाहते थे, वह तो हो ही गया। उनके हृदय की गंदगी जन-जन तक पहुंच ही गई।
दिग्विजय सिंह ने यह काम पहली बार नहीं किया है। कुछ दिन पहले उन्होंने ट्विटर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक फोटो का मेमे ट्वीट किया तथा उसके साथ लिखा कि मोदी अपने समर्थकों से कहते हैं- मेरी दो उपलब्धियां हैं- 1. भक्तों को चू’’’ बनाया और दूसरा चू’’’ को भक्त बनाया। इसके साथ दिग्विजय सिंह ने यह भी लिखा कि यह मेमे उनका नहीं है.... मोदी बेवकूफ बनाने में माहिर हैं।
जो लोग इन दिनों बीजेपी तथा उसके पूरे परिवार पर अभिव्यक्ति की आजदी को खत्म करने का आरोप लगाते हैं, कृपया देखने का कष्ट करें कि मोदी और संघ विरोधी लोग अभिव्यक्ति की आजादी का कैसा आनंद उठा रहे हैं और कितना मर्यादित आचरण कर रहे हैं! यदि दिग्विजयसिंह के विरुद्ध उनकी पार्टी कोई कार्यवाही नहीं करती है तो यह माना जाएगा कि कांग्रेस दिग्विजयसिंह की बेहूदगियों को मौन समर्थन दे रही है।
-डॉ. मोहनलाल गुप्ता
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