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August 5, 2017
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही रक्षा बंधन के त्योहार को जानते हैं या नहीं, पर हरियाणा के एक मुस्लिम बहुल्य गांव की महिलाओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 1,001 राखियां भेजी हैं. एक एनजीओ ने इस गांव का नाम ‘‘प्रतीकत्मक’’ रूप से ट्रंप के नाम पर रखा है.
गांव को गोद लेने वाले एनजीओ ने कहा कि पिछड़े मेवात क्षेत्र के मरोरा गांव के लोगों का यह कदम भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों के और मजबूत देने की भावना को व्यक्त करता है. दरअसल यह गांव तब सुर्खियों में आया था जब इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गिनाइजेशन (एसआईएसएसओ) के प्रमुख बिंदेश्वर पाठक ने इसका नाम ‘ट्रंप्स गांव’ रखने का ऐलान किया था.
जबकि जिला प्रशासन ने बाद में कहा था कि गांव का नाम बदलने का कदम अवैध है. प्रशासन के इस कदम के बाद संगठन के सदस्यों को नए नाम का बोर्ड हटाना पड़ा था. गांव की आबादी 1,800 है और यह पुनहाना तहसील के तहत आता है जो गुड़गांव से करीब 60 किलोमीटर दूर है.
एनजीओ की उपाध्यक्ष मोनिका जैन ने कहा - गांव की छात्राओं ने ट्रंप की फोटो वाली 1001 एक राखियां बनाई हैं और नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाली 501 राखियां बनाई है. गांव की महिलाएं एवं लड़कियां उन्हें अपने बड़े भाइयों के तौर पर मानती हैं. यही वजह है राखियों को शुक्रवार को भेज दिया गया ताकि यह सात अगस्त को रक्षा बंधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति तक पहुंच सकें. इसके अलावा ग्रामीण दोनों नेताओं को गांव की यात्रा करने के लिए निमंत्रण भी भेजा है.
गांव की विधवाओं ने रक्षा बंधन पर राजधानी में स्थित मोदी के आवास पर उनसे मिलकर उन्हें राखी बांधने की इच्छा जाहिर की है.
गांव की रहने वाली 15 वर्षीय रेखा रानी ने कहा- मैंने तीन दिन में ट्रंप भैया के लिए 150 राखियां बनाई हैं. मैंने व्हाइट हाउस भेजने के लिए पत्र भी लिखा है जिसमें कहा गया है कि आपके गांव की लड़कियां चाहती हैं कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यहां यात्रा करें.
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