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अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़: 5 जज , जिनके फैसले से गई नवाज की कुर्सी?

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July 28, 2017

पनामा पेपर लीक केस में नवाज शरीफ दोषी पाए गए हैं. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने नवाज शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाया. इस फैसले के बाद नवाज शरीफ आजीवन चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. जानिए आखिर इस बेंच में कौन 5 जज थे -


जस्टिस आसिफ सईद खान खोसा

आसिफ सईद 2010 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. वे पनामा लीक केस की जांच कर रही बेंच के अध्यक्ष थे. अपने 18 साल के करियर में खोसा ने करीब 50,000 केसों की सुनवाई की है.

जस्टिस गुलजार अहमद

गुजजार अहमद ने अपने करियर की शुरुआत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील रह चुके हैं. 2002 में गुलजार अहमद हाईकोर्ट के जज बने, वहीं 2011 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया.

जस्टिस एजाज अफजल खान

1977 में खैबर लॉ कॉलेज से ग्रेजुएट पास की थी. उन्होंने 1991 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की, वहीं वे 9 साल तक हाईकोर्ट में जज रहेंगे. जिसके बाद वह 2011 में वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने. पनामा केस मामले में नवाज के खिलाफ फैसले में इनका अहम रोल रहा.

जस्टिस एजाज उल अहसान

पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने वाले एजाज ने अपनी पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई न्यूयॉर्क से की. वे 2011 में लाहौर हाईकोर्ट के जज बने, वहीं 2016 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

जस्टिस शेख अजमद सईद

जस्टिस सईद ने 1980 में लाहौर हाईकोर्ट से वकालत की. 2004 में वे हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने, और 2012 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने.


पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने एनएबी को आदेश दिया है कि वे दो हफ्तों के अंदर नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ केस दायर करें. सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को पद से तुरंत इस्तीफा देने का आदेश दिया है. इसके बाद नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया है. नवाज शरीफ अब आजीवन चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, ना ही किसी सार्वजनिक पद पर बैठ पाएंगे. वहीं उनकी बेटी मरियम शरीफ भी अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. वहीं मंत्री चौधरी निसार खान ने भी फैसले के बाद मंत्री पद और संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.



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