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July 25, 2017
नई दिल्ली: डोकलाम के मुद्दे पर भारत-चीन के बीच तनातनी के दौरान अमेरिका की खूफिया एजेंसी सीआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी का बड़ा बयान आया है. अमेरिका की विदेशी मामलों की खुफिया सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने उद्दश्यों को हासिल करने के लिए चीन तेजी से बलपूर्वक, हठधर्मी तरीके अपना रहा है जैसा कि विवादित दक्षिण चीन सागर में देखा गया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी के ईस्ट एशियन मिशन सेंटर के उप सहायक निदेशक माइकल कोलिंस की टिप्पणी पेंटागन के कल दिए गए उस बयान के बाद आई है जिसमें उसने कहा था कि पूर्वी चीन सागर में रविवार को दो चीनी जे 10 लड़ाकू विमानों ने ‘असुरक्षित’ तरीके से अमेरिकी नौसेना के एक निगरानी विमान को बाधित किया था. चीन और अमेरिका के लंबे समय से सहयोगी रहे देश जापान, पूर्वी चीन सागर में द्वीपों की श्रंखला पर अपना-अपना दावा जताते हैं. सेनकाकू द्वीपों को लेकर कई बार तनाव बढ़ा है जिसपर चीन डायओयु द्वीप बताकर अपना दावा जताता है.
चीन की हरकतों का किया जिक्र
चीन का दक्षिण चीन सागर में अपने अन्य पड़ोसी देशों से भी विवाद है. दक्षिण चीन सागर के कई हिस्सों पर ताइवान, मलेशिया, ब्रूनेई, वियतनाम और फिलीपीन भी अपना दावा जताते हैं. एस्पेन इंस्टीट्यूट्स की 2017 की सुरक्षा फोरम में कोलिंस ने कहा, वे (चीन) अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बलपूर्वक, हठधर्मी तरीके अपना रहे हैं और इस कारण हमारे लिए यह ध्यान में रखना होगा कि उत्तर कोरिया, दक्षिण चीन सागर, व्यापार जैसे मुद्दे पर चीन किस तरह आगे बढ़ रहा है. बहरहाल, उन्होंने कहा कि चीन के व्यवहार का यह मतलब नहीं है कि अमेरिका और चीन इस क्षेत्र में युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं.
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