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July 21, 2017
अजमेर। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, पुष्कर रोड अजमेर के वरिष्ठ फिजीशियन डाॅ. तरुण सक्सेना का दुबई में आयोजित इंटरनेशनल काॅडियोलोजी कांफंस (आईसीसी) में व्याख्यान हुआ।कांफ्रेंस काॅर्डियोलोजी सोसायटी आॅफ दुबई की ओर से आयोजित की गई थी। डाॅ. तरुण सक्सेना ने बताया कि उच्च रक्तचाप में लेफ्ट वेंट्रिकल का इजैक्शन फोर्स बढ़ जाता है इस इजैक्शन फोर्स को आसानी से ईको काॅडियोग्राफी द्वारा मापा जा सकता है। उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में न आने की स्थिति में इसे अवश्य नापना चाहिए एवं इजैक्शन फोर्स के प्रमुख भार्ग एओटिक एक्सलेरेशन टाइम एवं स्ट्रोक वोल्यूम को आवश्यक रूप से जांचा जाना चाहिए। डाॅ तरुण ने कहा कि उच्च रक्तचाप की दोनों अवस्था में इजैक्शन फोर्स को कम करने वाली दवाइयां संयुक्त रूप से देना चाहिए। उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप में सिम्पैथेटिक नाड़ी रक्तचाप को एक अवस्था से दूसरी अवस्था में शिफ्ट करने का कार्य करती है। इसे सामान्य करने के लिए पर्याप्त नींद, शवासन आदि करने चाहिए तथा मानसिक एवं शारीरिक श्रम में उचित अनुपात रखना चाहिए।
कांफ्रेंस में डाॅ तरुण सक्सेना को आमंत्रित अतिथि वक्ता के रूप में सम्मानित भी किया गया। कांफ्रेंस में देश-विदेश से विभिन्न चिकित्सकों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि डाॅ तरुण सक्सेना पूर्व में शियान चीन में आयोजित कांफ्रेंस में भी उच्चरक्तचाप पर व्याख्यान दे चुके हैं। डाॅ तरुण ने उच्च रक्तचाप को सिर्फ रक्त संचार सिस्टम की बीमारी न मानते हुए प्रारंभिक संबंध मस्तिष्क से माना है। डाॅ. तरुण का लकवा होने में मेटाबाॅलिज्म की भूमिका विषयक शोध पत्र न्यूजर्सी अमेरिका के आॅस्टिन जर्नल आॅफ सेरेब्रोवैक्सकुलर डिसीज एंड स्ट्रोक में प्रकाशित प्रकाशित हुआ है।
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