Post Views 801
July 4, 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल दौरे के लिए रवाना हो गए हैं. पीएम भारतीय समयानुसार करीब शाम साढ़े छह बजे इजरायल के तेल अवीव की धरती पर कदम रखेंगे, तो दोनों देशों के रिश्तों में नया अध्याय जुड़ जाएगा. प्रधानमंत्री के तीन दिवसीय इजरायल दौरे के दौरान कृषि, जल प्रबंधन, इनोवेशन और स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों पर बातचीत केंद्रित हो सकती है.यह प्रणाली हर तरह के हवाई खतरे से निपटने के लिए तैयार की गई है और इसमें लॉन्चर, मिसाइल, रडार प्रणाली और संचार व नियंत्रण प्रणाली मौजूद हैं. माना जा रहा है कि यह आईएआई के साथ अब तक का सबसे बड़ा समझौता है.
1997 में भारत आए इजरायल के राष्ट्रपति
नवंबर 2016 में इजरायल के राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन भारत दौरे पर आए. इससे पहले, इजरायल के तत्कालीन राष्ट्रपति एजर विजमान ने जनवरी 1997 में भारत का दौरा किया था, जिसके बाद सितंबर 2003 में प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन भारत के दौरे पर आए थे.
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिम एशिया एवं उत्तर अफ्रीका) बी. बाला भास्कर ने मोदी के दौरे से पहले प्रेस वार्ता में कहा, "सहयोग के नए रास्ते तलाशने के अलावा हम अपने द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ और व्यापक करने के लिए लगातार सक्रिय हैं."
भारत में है इजरायल की दिलचस्पी
उन्होंने कहा कि इजरायल ने पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत की महत्वाकांक्षी योजनाओं मेक इन इंडिया, स्वच्छ गंगा और स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया में भागीदारी के लिए काफी उत्सुकता दिखाई है.
कृषि क्षेत्र में जारी सहयोग पर उन्होंने कहा, इजरायल की मदद से हमने विभिन्न राज्यों में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की है, जिसका मकसद उत्पादकता बढ़ाना, फसल प्रबंधन तथा जल प्रबंधन है.
इजरायल में भारत के राजदूत पवन कपूर के मुताबिक, जल प्रबंधन में भारत, इजरायल से काफी कुछ सीख सकता है. रक्षा को सहयोग का एक अहम क्षेत्र करार देते हुए कपूर ने कहा कि यह विकास का केंद्र होगा, जो मोदी के ऐतिहासिक दौरे के दौरान केंद्र में होगा. उन्होंने कहा, "इजरायल हमारा अहम रक्षा आपूर्तिकर्ता है और विश्वसनीय रक्षा आपूर्तिकर्ता है, जिसकी हम सराहना करते हैं.
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved