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June 13, 2017
रिपोर्ट-हाईकोर्ट ने भारतीय विधिज्ञ परिषद को डीयू में लॉ की सीटें बढ़ाने पर नए सिरे से विचार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब बीसीआई ने बताया कि उसके विधि शिक्षा समिति 17 से 19 जून के बीच बैठक करेगी। बैठक में सीटें बढ़ाने पर लेकर डीयू के दावों और संसाधनों के निरीक्षण रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। बीसीआई ने कहा कि इसके बाद समिति तय करेगी कि कितने छात्रों को एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश देने की अनुमति दी जा सकती है। जस्टिस एस. मुरालीधर और सी. हरि शंकर की अवकाशकालीन पीठ ने समिति से कहा है कि वह बीसीआई द्वारा सीटें बढ़ाने की मांग को खारिज करने के निर्णय से प्रभावित हुए बगैर इस मामले में फैसला ले। डीयू ने एलएलबी पाठ्यक्रम की मौजूदा 1440 सीटों की जगह 2310 सीटों पर प्रवेश देने की अनुमति मांगी है।
बीसीआई ने पीठ को बताया कि उसके विधि शिक्षा समिति लिखित तौर पर 24 जून से पहले डीयू को निर्णय व निरीक्षण रिपोर्ट से अवगत करा देगी। मामले की अगली सुनवाई 27 जून को होगी। हाईकोर्ट ने यह आदेश अधिवक्ता जोगिन्दर कुमार सुखीजा की ओर से दाखिल याचिका पर दिया था। सुखीजा ने याचिका में कहा है कि सीटें कम करने के बीसीआई के आदेश से स्नातक पास करने वाले ऐसे छात्र बड़ी संख्या में प्रभावित होंगे जो कानून की पढ़ाई करना चाहते हैं। विधि शिक्षा नियम 2008 के तहत प्रत्येक लॉ कॉलेज को 300 छात्रों को दाखिला देने की अनुमति होती है। डीयू के तीन लॉ सेंटर हैं, ऐसे में महज 900 सीटें बनती है। बीसीआई से डीयू को अपवाद स्वरूप विशेष श्रेणी में रखते हुए प्रत्येक सेंटर पर 180 अतिरक्त सीटों पर दाखिला देने की अनुमति दी है। डीयू ने बीसीआई से मौजूदा 1440 की जगह 2310 सीटों पर एलएलबी में दाखिला देने की अनुमति मांगी है।
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