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June 13, 2017
रिपोर्ट- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की धमकियों से नहीं डरेंगी. उन्होंने कहा कि जीजेएम हिंसा उकसाने के बाद भाग जाएगा. ममता ने कहा, मैं धमकियों के आगे झुकने वाली नहीं हूं. अगर मुझे धमकाया जाता है, तो मुझे पता है कि कैसे काम किया जाता है. क्या आपने नहीं देखा है कि कैसे उन्होंने मुझे दार्जिलिंग में डराने की कोशिश की. उन्होंने कहा था कि वे मुझे पहाड़ी क्षेत्र में पहुंचने नहीं देंगे लेकिन मैं वहां गई, बैठकें की और शांति बनाई.
दक्षिण 24 परगना जिले में एक सार्वजनिक सभा में ममता ने कहा, वे दो दिन बम फेंकेंगे और आप देखेंगे कि फिर भाग जाएंगे. लोग वहीं रहेंगे. पहाड़ी क्षेत्र के लोग बहुत अच्छे हैं.गुंडे कभी भी देश की संपत्ति नहीं हो सकते. जीजेएम ने उत्तरी पश्चिम बंगाल पहाड़ी क्षेत्र में एक अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया है, जो आज से शुरू हुआ है
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भांगर में निर्दोष गांव वालों से जमीन कम कीमत में बेचने की धोखाधड़ी करने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर्स के एक वर्ग को फटकार भी लगाई.भांगर का राजनीतिक हिंसा का इतिहास रहा है. राज्य सरकार द्वारा पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के लिए यहां 16 एकड़ खेती की जमीन के जबरदस्ती अधिग्रहण को लेकर इस साल के शुरू में हिंसा हो चुकी है. यह हिंसा खामरैत, माखी भंगा, टोना, पद्मपुकुर गांवों में भी फैल गई थी. अति वामपंथी संगठनों ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था जिसमें दो ग्रामीणों की जान चली गई थी. स्थानीय लोगों का दावा है कि दोनों की पुलिस गोलीबारी में मौत हुई, लेकिन सकार ने इससे इनकार किया है.
ममता ने कहा, लोग बाहरी लोगों की बातों में आकर हिंसा में शामिल नहीं हों. कुछ लोग गांवों में अफवाहें फैला रहे हैं. वे कह रहे हैं कि यदि बिजली की लाइने लगाई गईं तो भ्रूण मां के गर्भ में नष्ट हो जाएंगे और फसलें नष्ट होंगी.उन्होंने कहा, मैं नहीं जानती कि किस दिमाग में ये विचार उभरे हैं. यदि वहां बिजली नहीं तो सिंचाई व्यवस्था कैसे की जाएगी? कैसे अनाज का उत्पादन होगा? बच्चे कैसे पढ़ेंगे? आपको यह दिमाग में ध्यान रखना होगा? ममता बनर्जी ने ग्रामीणों को अपनी शिकायतों के साथ आगे आने को प्रोत्साहित किया.
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