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June 12, 2017
रिपोर्ट- कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत हो गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हरी झंडी दिखाकर पहले जत्थे को राजधानी से रवाना किया। यात्रा के लिए पहले जत्थे में करीब 60 लोग शामिल हैं। सुषमा स्वराज ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने की अपील की। कैलाश मानसरोवर यात्रा 12 जून यानी आज से शुरू होकर आठ सितंबर तक चलेगी। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को करीब 19,500 फुट तक की चढ़ाई करनी होती है। हर साल हजारों की संख्या में भारतीय नेपाल से होते हुए चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में यात्रा करते हैं। विदेश मंत्रालय जून से सितंबर के बीच इस यात्रा का आयोजन करता है।
इस साल विदेश मंत्रालय को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चार हजार से ज्यादा के आवेदन प्राप्त हुए। कम्प्यूटरीकृत लॉटरी ड्रॉ के जरिए जाने वाले श्रद्धालुओं का चयन किया गया, ताकि किसी के साथ भेदभाव ना हो सके। विदेश मंत्री ने कहा कि यात्रा के लिए 4500 लोगों ने आवेदन किया और इनमें से पहले जत्थे के लिए 60 लोगों का चयन किया गया है। इसके लिए उन्होंने लॉटरी निकाली और भाग्यशाली लोगों को इस यात्रा पर जाने का अवसर मिला। इनमें से दो यात्री चिकित्सा के स्तर पर सही नहीं पाए गए इसलिए इस जत्थे में सिर्फ 58 यात्री जा रहे हैं।वहीं लिपुलेख दर्रा होकर कैलाश मानसरोवर के लिए 55 श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज काठगोदाम पहुंचेगा। दल में 16 महिलाओं सहित 55 यात्री यात्रा कर रहे हैं।
तीर्थयात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के सूत्रों ने बताया कि जत्था दोपहर में कुमाऊं क्षेत्र में काठगोदाम पहुंचेगा। पहले जत्थे के नेता असम से एक अधिकारी चंद्रमौली कुमार शर्मा हैं। यात्रा के लिए असम, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और तेलंगाना सहित 13 राज्यों के श्रद्धालु हैं।इससे पहले हर साल की तरह शुरू होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कैलाश मानसरोवर की यात्रा (केएमवाई) अपने धार्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक महत्व के कारण जानी जाती है।
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