Post Views 881
June 12, 2017
रिपोर्ट- इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन पर छिड़ी बहस के बीच चुनाव आयोग ने अपनी गरिमा के लिए बड़ी मांग उठाई है। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रायल से मांग की है कि उन्हें भी अदालतों की तरह अवमानना का अधिकार दिया जाए। चुनाव आयोग का मानना है कि इस अधिकार के मिलने के बाद उनके खिलाफ बोलने वालों पर इससे लगाम लग सकेगी। इतना ही नहीं संस्था की छवि खराब होने से भी बच सकेगी।
ईसी अवमानना अधिनियम 1971 में संसोधन की मांग करते हुए अपने लिए अवमानना का अधिकार मांगा है। दरअसल, ईवीएम को लेकर उठे विवाद पर विपक्षी पार्टियों ने कथित तौर पर ईसी को सरकार के एजेंट बोलना शुरू कर दिया था। इसी से नाराज ईसी ने कहा कि ऐसे विरोधियों को सबक सिखाना जरूरी है।
दरअसल, चुनाव आयोग ने ईवीएम हैकिंग के चैलेंज के बाद अपने अधिकार की बात की है। ईसी ने कथित तौर पर विपक्षी पार्टियों और मुख्यत आम आदमी पार्टी को आड़े हाथ लिया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी, बसपा सहित कई दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर डेमो के जरिए ईवीएम को हैक करने का दावा किया था। हालांकि इससे पहले चुनाव आयोग ने कई बार दावा किया है कि ईवीएम के कंप्यूटर या इंटरनेट से नहीं जुड़े होने के कारण इसे हैक करना संभव नहीं है
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved