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October 14, 2025
आदर्श विद्या निकेतन में वार्षिकोत्सव आयोजित, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी रहे मुख्य अतिथि
संस्कार और शिक्षा से सृजेगा नवभारत, शिक्षा तभी सार्थक जब उसमें संस्कार और स्वदेशी भाव समाहित हों — श्री वासुदेव देवनानी
अजमेर,14 अक्टूबर । आदर्श विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम सृजन नवभारत के थीम पर मंगलवार को आयोजित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं वंदे मातरम् के साथ हुआ। विद्यार्थियों ने नाट्य, गीत एवं नृत्य के माध्यम से भारत की गौरवशाली संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम, स्वामी विवेकानंद के विचार, भारतीय विज्ञान, खेल और संस्कृति संरक्षण जैसे विषयों पर प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दीं।
श्री देवनानी ने कहा कि जब भारत गुलामी की जंजीरों में बंधा हुआ था, तब विदेशी शिक्षा पद्धति ने हमारी प्राचीन मूल्यनिष्ठ शिक्षा को पीछे धकेल दिया था, परंतु नई शिक्षा नीति से नवभारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रदर्स एंड सिस्टर्स ऑफ अमेरिका कहकर उन्होंने विश्व में भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता की पहचान कराई । यही संस्कार विद्या निकेतन जैसे संस्थान भी आज बच्चों में विकसित कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि संस्कृति के सृजन और संरक्षण में यह विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह विद्यालय केवल शिक्षा नहीं, बल्कि संस्कार का भी केंद्र है। उन्होंने प्रधानाचार्य, शिक्षकों और अभिभावकों के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यहाँ से शिक्षा प्राप्त छात्र आज समाज में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और अनेक भामाशाहों के रूप में सम्मानित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धा में बच्चों को प्रतिभा के साथ मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण का भाव भी रखना चाहिए। भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए अपनी मूल संस्कृति और स्वदेशी भावना को अपनाना आवश्यक है। शिक्षक के समर्पण से ही विद्यार्थी का व्यक्तित्व निखरता है और ऐसे संस्कारित विद्यार्थी ही विकसित नवभारत के निर्माण में योगदान देंगे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा कि बच्चों में सांस्कृतिक चेतना, देशभक्ति और आत्मनिर्भर भारत के भाव को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ वंदे मातरम् नृत्य और मां भारती वंदना के साथ हुआ। विद्यार्थियों ने नाट्य, गीत, नृत्य और संवाद के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक यात्रा और नवभारत के निर्माण का प्रेरणादायी चित्र प्रस्तुत किया।
इसी क्रम में शुरुआत भारत संवाद से हुई जिसमें भारत माता के स्वरूप के माध्यम से भारतीय संस्कृति, वेदों और गीता के उपदेशों का भावपूर्ण चित्रण किया गया। इसके बाद चाणक्य संवाद में तक्षशिला से लेकर मगध नरेश घनानंद तक के ऐतिहासिक प्रसंगों को जीवंत किया गया। इसने राष्ट्र रक्षा और एकता का संदेश दिया।
इसके बाद विद्यार्थियों ने हम करें राष्ट्र निर्माण समूह नृत्य द्वारा देशभक्ति की लहर प्रवाहित की। रानी लक्ष्मीबाई काव्य नाट्य में वीरांगना की शौर्यगाथा ने उपस्थित जनों को भावविभोर कर दिया। स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का मंचन हुआ। इसमें विद्यार्थियों ने उनके उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत संदेश को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
इसके पश्चात इसरो नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों चंद्रयान, गगनयान, आदित्य मिशन का गर्वोन्मुख चित्रण किया गया। खेल नृत्य में भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियों और आर्मी नृत्य में भारतीय सैनिकों की वीरता को समर्पित प्रस्तुति ने देशभक्ति से वातावरण गुंजायमान कर दिया।
इसी प्रकार पंच परिवर्तन नाट्य एवं दुर्गा-महाकाल नृत्य के माध्यम से संस्कृति, संस्कार, सेवा और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को प्रभावी रूप से व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार, अभिभावकगण एवं आमंत्रित अतिथि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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