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December 7, 2024
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पीटीआई भर्ती में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए कहा कि गलत तरीके से नौकरी पाने वाले 302 कैंडिडेट्स पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन कैंडिडेट्स में से कई ने नौकरी जॉइन कर ली है, जबकि कुछ अभी जॉइन नहीं कर पाए हैं। सभी दोषियों को नौकरी से निकाला जाएगा और जेल भेजा जाएगा।
एसओजीकी जांच का खुलासा:स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने पीटीआई भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं की जांच की। 5 दिसंबर 2024 को कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षा विभाग को जांच रिपोर्ट सौंपी।रिपोर्ट में 302 कैंडिडेट्स को गलत तरीके से परीक्षा पास करने का दोषी पाया गया। 58 अभ्यर्थियों को तत्काल अपात्र घोषित कर दिया गया। शेष 244 कैंडिडेट्स की सूची अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट:कई कैंडिडेट्स ने फर्जी डिग्री और प्रमाणपत्रों के आधार पर परीक्षा पास की।भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी अनियमितताओं और फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई।
शिक्षा मंत्री का बयान:"गलत तरीके से भर्ती हुए कैंडिडेट्स को बख्शा नहीं जाएगा।"जिन्होंने नौकरी जॉइन की है, उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। बाकी दोषियों को भी जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
संदिग्ध कैंडिडेट्स पर कार्रवाई: शिक्षा विभाग को एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पीटीआई भर्ती परीक्षा की अनियमितताएं: भर्ती परीक्षाओं में फर्जी प्रमाणपत्र और डिग्रियों का उपयोग। एसओजी की जांच में कई कैंडिडेट्स को संदिग्ध पाया गया।शिक्षा विभाग ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
भविष्य की कार्रवाई:फर्जीवाड़े में शामिल कैंडिडेट्स: सभी दोषी कैंडिडेट्स की सूची को सार्वजनिक किया जाएगा।दोषी पाए गए कैंडिडेट्स को नौकरी से हटाने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। प्रक्रिया में पारदर्शिता:शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने का आश्वासन दिया है।
पीटीआई भर्ती फर्जीवाड़ा राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। इस कदम से भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और विश्वास बहाल होने की उम्मीद है।
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