For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 106194980
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: जिला क्रिकेट संघ की एड हॉक कमेटी चुनाव संपन्न कराकर उपरजिस्ट्रार और स्पोर्ट्स कौंसिल को रिपोर्ट सौंपी  |  Ajmer Breaking News: दादाबाड़ी में दादा मेला धूमधाम से सम्पन्न, ध्वजारोहण के साथ हुआ आयोजन, दक्षिण विधायक अनीता भदेल रहीं मुख्य अतिथि |  Ajmer Breaking News: 5 जुलाई शनिवार को अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल द्वारा 56 लाख रुपये की लागत से बनने वाली सीसी निर्माण कार्य का विधिवत शिलान्यास किया गया। |  Ajmer Breaking News: जिला निष्पादन समिति की बैठक जिला कलक्टर लोक बन्धु की अध्यक्षता में आयोजित हुई। |  Ajmer Breaking News: संभागीय आयुक्त श्री शक्ति सिंह राठौड़ ने किया ने बीर, कानाखेड़ी और पालरा शिविर का किया निरीक्षण |  Ajmer Breaking News: 15 जून से 31 अगस्त तक निषेध ऋतु में मत्स्याखेट पर प्रतिबंध, मत्स्याखेट करने पर हुई कार्यवाही |  Ajmer Breaking News: पुष्कर तीर्थ नगरी में श्री आदि गौड़ ब्राह्मण समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन आज पुष्कर स्थित समाज के आश्रम में आयोजित। |  Ajmer Breaking News: तिलोरा रोड़ स्थित जैन कॉलोनी से सैकड़ों जैन समाज के महिला पुरूषों के साथ जुलूस के रूप में सुकनमुनि सा सहित अन्य जैन मुनि चातुर्मास स्थल पहुचे । |  Ajmer Breaking News: अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में आज से नई व्यवस्था लागू की गई है। |  Ajmer Breaking News: पुष्कर में भाजपा नेता के निर्माण पर नगर परिषद की सीज कार्रवाई, सियासी हलचल तेज | 

राजस्थान न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट का फैसला: शांति धारीवाल सहित जेडीए के तीन अधिकारियों पर फिर से होगी आपराधिक सुनवाई, हाईकोर्ट के आदेश रद्द

Post Views 131

November 5, 2024

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मामले में शामिल सभी पक्षों पर पुनः आपराधिक सुनवाई होगी। हाईकोर्ट को निर्देशित किया कि वह छह महीने के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुनाए।

सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में फैसला सुनाते हुए कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के तीन तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई बहाल कर दी है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भूयान की बेंच ने इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों को रद्द कर दिया है, जिनमें एकल पट्टा मामले में आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिए हैं कि वह मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी करके अपना निर्णय दे।

आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक द्वारा दायर की गई विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। पाठक ने हाईकोर्ट के दो आदेशों, जो 17 जनवरी 2023 और 15 नवंबर 2022 को दिए गए थे, के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इन आदेशों में हाईकोर्ट ने जेडीए के तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर, और जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया था।

29 जून 2011 को जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम पर एकल पट्टा जारी किया था। 2013 में रामशरण सिंह नामक परिवादी ने इस मामले की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में की थी। इसके बाद तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, और शैलेंद्र गर्ग समेत दो अन्य को गिरफ्तार किया गया और एसीबी ने उनके खिलाफ चालान पेश किया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जेडीए ने 25 मई 2013 को एकल पट्टा निरस्त कर दिया। हालांकि, इस प्रकरण में एसीबी ने समय-समय पर तीन क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत कीं, जिनमें आरोपियों को क्लीन चिट दी गई। हाईकोर्ट ने 17 जनवरी 2023 को अपने आदेश में एसीबी द्वारा आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट को वापस लेने के निर्णय को सही ठहराया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब हाईकोर्ट के दोनों आदेशों को रद्द कर दिया है।

विधायक शांति धारीवाल को भी इस मामले में झटका लगा है। परिवादी ने उन्हें आरोपी बनाने का प्रार्थना पत्र एसीबी कोर्ट में प्रस्तुत किया था, जिसे लेकर धारीवाल ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने 15 नवंबर 2022 को धारीवाल को राहत देते हुए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई समाप्त कर दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिससे धारीवाल के खिलाफ फिर से सुनवाई शुरू हो सकती है।

गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अप्रैल 2024 में प्रस्तुत एफिडेविट में धारीवाल समेत सभी आरोपियों को क्लीन चिट दी थी। हालांकि, कुछ समय बाद सरकार ने यू-टर्न लेते हुए नया एफिडेविट पेश किया, जिसमें कहा गया कि तीन अधिकारियों और शांति धारीवाल के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है। यह यू-टर्न और सुप्रीम कोर्ट का ताजा आदेश, राज्य के प्रशासन और राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मचा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मामले में शामिल सभी पक्षों पर पुनः आपराधिक सुनवाई होगी। हाईकोर्ट को निर्देशित किया गया है कि वह छह महीने के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुनाए।


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved