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June 25, 2022
पालतू जानवरों में रेबीज रोग के नियंत्रण हेतु बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय शास्त्री नगर अजमेर ओर पशुपालन विभाग की रेबीज नियंत्रण इकाई अजमेर के तत्वाधान में निशुल्क रेबीज टिकाकरण शिविर का आयोजन कस्बे के राजकीय पशु चिकित्साल में किया गया। पशु चिकित्सा सहायक प्रभारी भंवर लाल गुर्जर ने बताया कि शनिवार को आयोजित हुए शिविर में 70 पालतू जानवरों का रेबीज टिकाकरण किया गया । रेबीज कंट्रोल यूनिट प्रभारी डॉक्टर नीरजा सांदू ने बताया कि रेबीज एक विषाणु जनित रोग है । इस रोग की भयावहता का अंदाजा महज इससे लगाया जा सकता है कि एक बार यदि रेबीज रोग का प्रसार शरीर में हो जाए तो इसका हालिया दौर की मेडिकल साइंस में भी कोई उपचार नहीं है । इस रोग का प्रसार भी तीव्र गति से होता है । परिणाम स्वरूप जानवर हो या इंसान इसके चलते पागलपन का शिकार हो जाता है। अंततः बीमारी से रोगी की मृत्यु हो जा जाती है। डॉ. सांदू ने कहा कि रेबीज की भयावहता को देखते हुए आमजन में इसको लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है। डॉक्टर सांदू ने बताया कि आज के दौर में जहां घरों में पालतू जानवरों को क्लोज कांटेक्ट में रखा जाता है वहां पाले जा रहे हैं जानवरों को साल में एक बार रेबीज रोग का वैक्सीनेशन करवाना आवश्यक है यदि जानवर किसी अंग पर अपने दांत गड़ा दे तो उस अंग को सबसे पहले पाँच मिनिट तक साबुन से धोना चाहिए और बिना किसी देर के डॉक्टर द्वारा पोस्ट बाइट शेड्यूल के आधार पर इंजेक्शन की पाँच डोज लेना आवश्यक है।
शिविर के दौरान गोष्ठी का आयोजन भी हुआ, डॉ. सांदू ने गोष्टी में बताया कि रेबीज वायरस जनित जूनोटिक बीमारी है । जिसका कोई इलाज नही है। रोगग्रस्त पशु उत्तेजित हो जाता है। अत्यधिक लार गिरती है चलते हुए लड़खड़ाता है। रैबीज के लक्षण आने के बाद 99.9% मृत्यु निश्चित है। टीकाकरण से ही बचाव संभव है। शिविर में डॉ. साकेत पाठक,भंवर लाल गुर्जर, अजय सैनी,भवानी सिंह राठौड़, शंकर चौधरी, रजनी योगी,फूलचंद, राहुल,रवि आदि पशुपालन विभाग के कार्मिकों ने सेवाऐं दी।
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