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June 25, 2022
भारतीय जनता पार्टी शहर जिला द्वारा शनिवार 25 जून को भारतीय लोकतंत्र के काले दिवस के रूप में मनाते हुए गांधी भवन में विरोध प्रदर्शन किया गया। भाजपा शहर अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय व प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर पूरे देश भर में 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा पूरे देश में 21 महीने के लिए लगाए गए सबसे बड़े आपातकाल के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सभी भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार को बचाने के लिए लोकतंत्र की हत्या कर दी प्रेस को सेंसर कर दिया, विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में ठूंस लिया गया। इस दिवस को पार्टी हर साल काला दिवस के रूप में मनाती है।
उन्होंने बताया कि आज से 40 वर्ष पूर्व 25- 26 जून की दरमियानी रात को 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने के लिए भारत में आपातकाल घोषित किया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक समय था। आपातकाल में चुनाव स्थगित कर दिए गए थे सभी नागरिकों के सभी अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था। सरकार विरोधी भाषणों और किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर पूर्ण तरह प्रतिबंध लागू कर दिया गया। समाचार पत्रों को एक विशेष आचार संहिता का पालन करने के लिए विवश किया गया। जिसके तहत प्रकाशन के पूर्व सभी समाचारों और लेखों को सरकारी सेंसर से गुजरना पड़ता था अर्थात तत्कालीन मीडिया पर भी अंकुश लगा दिया गया था। आपातकाल की घोषणा के साथ ही सभी विरोधी दलों के नेताओं को गिरफ्तार कर अज्ञात स्थानों पर भेज दिया गया। सरकार ने मीसा के तहत यह कदम उठाया।
यह ऐसा कानून था जिसके तहत गिरफ्तार व्यक्ति को कोर्ट में पेश करने और जमानत मांगने तक का अधिकार नहीं था।
आपातकाल लागू करने के लगभग 2 साल बाद विरोध की लहर तेज होती देखकर इंदिरा गांधी ने लोकसभा भंगकर 1977 में चुनाव कराने की सिफारिश कर दी। चुनाव में आपातकाल लागू करने का फैसला कांग्रेस के लिए घातक साबित हुआ और खुद इंदिरा गांधी अपने गढ़ रायबरेली में बुरी तरह चुनाव हार गई। इसके बाद जनता पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने।
गांधी भवन में मनाए जा रहे काले दिवस के दौरान सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, महापौर बृजलता हाड़ा, भाजपा शहर अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा, पूर्व न्यास सदर धर्मेश जैन, किशनगढ़ सभापति दिनेश सिंह राठौड़ सहित भाजपा संगठन के समस्त जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, कार्यकर्ता, पार्षद, मंडल और मोर्चों के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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