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April 21, 2022
उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कोंग्रेस सरकार की नाकामियों सहित विभिन्न मुद्दों पर की पत्रकार वार्ता
पानी, बिजली, सड़क शिक्षा, चिकित्सा और सीवरेज जैसे मुद्दों पर अजमेर की बदहाल हालात पर जताई चिंता अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कोंग्रेस शासन काल मे अजमेर के साथ पानी, बिजली, सड़क,शिक्षा, चिकित्सा और सीवरेज जैसे मुद्दों पर हो रही बदहाल हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है।गुरुवार को अपने निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई रीट परीक्षा की धांधली की जांच आखिर ईडी को सौंपी गई है जांच में निकल कर आएगा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के संरक्षक और मुख्यमंत्री तक के तार इस परीक्षा धांधली से जुड़े हुए हैं जिसका पर्दाफाश होगा। उन्होंने मांग की कि अगर दूध का दूध पानी का पानी करना है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस परीक्षा धांधली की जांच सीबीआई से करानी चाहिए।देवनानी ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री 50 यूनिट फ्री बिजली की बात करते हैं दूसरी तरफ प्रदेश में बिजली का संकट खड़ा हो गया है। महंगी बिजली खरीदी जा रही है जिसका सारा भार उपभोक्ता के माथे मढ़ा जा रहा है।देवनानी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राइट टू हेल्थ की बात करते हैं लेकिन प्रदेश के चिकित्सालय में मुफ्त दवा योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत से ज्यादा दवाएं ही नहीं मिलती। मरीजों और उनके परिजनों को यह सभी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही है। अजमेर के लोग बिजली पानी सड़क सीवरेज की समस्या से त्रस्त हैं। बार-बार जिला प्रशासन और संबंधित विभागीय अधिकारियों से अपील करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। स्मार्ट सिटी अजमेर की हालत बद से बदतर होती जा रही है। जहां सड़कें बनी है वहां सीवरेज के लिए खुदाई की जा रही है और फिर सड़कें बनाई भी नहीं जा रही। लोग परेशान हो रहे हैं और जनप्रतिनिधियों को कोस रहे हैं।उन्होंने कहा कि मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। मूलभूत आवश्यकताओं में शुमार पेयजल की समस्या विकट बनी हुई है। अजमेर का हर इलाका 72 से 96 घंटे पानी की बाट जोहता है। उसके बाद भी उसे पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता जबकि बीसलपुर में पर्याप्त पानी है। उसके बावजूद जयपुर और टोंक को भरपूर पानी दिया जा रहा है और अजमेर के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।देवनानी ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करते हैं दूसरी ओर गार्गी पुरस्कार में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली बालिकाओं के हितों पर कुठाराघात करते हुए अब 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार प्रदान करने के आदेश दिए गए हैं। जिससे कि चार लाख से अधिक बालिकाओं को तिरस्कृत किया जा रहा है।
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