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January 15, 2021
अमेरिका में 1986 में एंड्रयू जॉनसन, 1998 में बिल क्लिंटन और 2019 के दिसंबर में डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चला था। उस वक्त सुनवाई व आरोप तय करने में क्रमश: 83, 37 और 21 दिन लगे थे। हालांकि, इस बार ट्रंप के खिलाफ कैपिटल हिंसा के एक हफ्ते के भीतर ही आरोप तय कर मतदान करा दिया गया।
अमेरिका में आज तक किसी राष्ट्रपति को महाभियोग से नहीं हटाया गया है। 1974 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन का वाटरगेट घोटाले में महाभियोग के बाद हटाना तय था, लेकिन वे पहले ही इस्तीफा देकर बेइज्जती से बच गए।
इस बीच, नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने उम्मीद जताई है कि सीनेट नियमित रूप से अपना काम जारी रखते हुए ट्रंप के महाभियोग को पूरा करेगी। उन्हाेंने कहा, सदन के सदस्यों ने अपनी शक्ति का उपयोग कर लिया है,
अब सीनेट में प्रक्रिया आगे बढ़नी चाहिए। उम्मीद है कि सीनेट के नेता अपनी सांविधानिक जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्हाेंने दोहराया कि कैपिटल हिंसा राजनीति कट्टरपंथियों का नियोजित आपराधिक हमला थी। इसमें घरेलू आतंकी शामिल थे, जिन्हें ट्रंप ने भड़काया।
वहीं, सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने भी उम्मीद जताई है कि सीनेट में राष्ट्रपति ट्रंप को दोषी करार देते हुए महाभियोग पारित होगा। उन्हाेंने देश के खिलाफ सैन्य विद्रोह भड़काया, उन्हें पद से हटना होगा। उन्होंने कहा, कोई भी कानून से ऊपर नहीं होता।
स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सदन के सदस्यों को आगाह करते हुए एक प्रस्ताव का एलान किया है। इसके तहत सुरक्षा के प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वाले सदस्यों को करीब 7.5 लाख जुर्माना लगाया है। कैपिटल इमारत की हिंसा के बाद एहतियातन सदन के बाहर मेटल डिटेक्टटर लगा दिया गया है। ऐसे में अगर कोई सदस्य इससे गुजरे बिना सदन में आता है तो उसे ये जुर्माना भरना पड़ेगा।
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