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January 7, 2021
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर जारी सियासी घमासान डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनी हार स्वीकार नहीं करने से चरम पर है। इसे लेकर वाशिंगटन में होने वाली अमेरिकी संसद (कांग्रेस) की अहम बैठक 20 जनवरी को शपथ लेने वाले राष्ट्रपति का नाम औपचारिक रूप से तय करेगी।
उधर, चुनाव धांधलियों का आरोप लगाते हुए ट्रंप अपने समर्थकों के साथ यहां शक्ति प्रदर्शन में दबाव बनाते दिखे।
बता दें कि देश के सभी 50 राज्यों के इलेक्टोरल कॉलेज में जो बाइडन को 306 और राष्ट्रपति ट्रंप को 232 मत मिलने की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस की बैठक महज औपचारिक होती है।
लेकिन इस बार ट्रंप के बाइडन की जीत स्वीकार नहीं करने के चलते मामला पेंचीदा बना हुआ है। बैठक से पहले ही ट्रंप के समर्थक देश भर से रैली के लिए वाशिंगटन पहुंचना शुरू हो गए।
इस दौरान राजधानी के चप्पे चप्पे पर नेशनल गार्ड तैनात रहे। वहीं कुछेक जगह सेव द अमेरिका रैली में ट्रंप समर्थकों और ब्लैक लाइव्स मैटर के बैनर तले ट्रंप विरोधियों के बीच छुटपुट झड़पें भी हुईं।
इस बीच, उपराष्ट्रपति माइक पेंस की अध्यक्षता में होने वाली बैठक को लेकर ट्रंप ने यह तक कहा कि यदि उपराष्ट्रपति हमारे साथ रहते हैं तो हम एक बार फिर प्रेसिडेंसी हासिल करने में कामयाब होंगे।
अमेरिकी कांग्रेस की इस बैठक में उच्च सदन (सीनेट) के 100 और निचले सदन (प्रतिनिधि सभा) के 435 सदस्य साथ बैठेंगे। इस दौरान अंग्रेजी वर्णमाला के हिसाब से हर राज्य के इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा दिए गए मतों के बैलेट बॉक्स खोले जाएंगे।
इस दौरान इलेक्टरों का नाम लेकर बताया जाता है कि किस ने किस प्रत्याशी को मत दिया है। संयुक्त बैठक की अध्यक्षता माइक पेंस करेंगे।
प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट बहुमत के अलावा कई रिपब्लिकन सांसदों ने भी बाइडन को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति माना।
मिच मैक्डोनेल जैसे वरिष्ठ रिपब्लिकन सांसद ने यहां तक कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों को औपचारिक मतगणना में रुकावट नहीं बनना चाहिए। इस बीच, मिसौरी के सीनेटर जौस हॉले ने इलेक्टोरल कॉलेज की गिनती पर आपत्ति दर्ज कराई।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां उपराष्ट्रपति माइक पेंस का साथ मिलने पर चुनाव जीतने का भरोसा जताया वहीं पेंस ने ट्रंप से कहा है कि उनके पास राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को चुनौती देने योग्य शक्ति (अधिकार) नहीं है। पेंस ने अमेरिकी कांग्रेस की अध्यक्षता करने से ठीक एक दिन पहले राष्ट्रपति ट्रंप के साथ साप्ताहिक दोपहर के भोज में उन्हें यह संदेश दिया।
बता दें कि 3 नवंबर को हुए चुनाव में बाइडन को ट्रंप की तुलना में न सिर्फ 70 लाख अधिक मत मिले बल्कि इलेक्टोरल कॉलेजों ने भी 14 दिसंबर को डेमोक्रेट प्रत्याशी को 306 मत दिए जो ट्रंप को मिले 232 मतों से काफी अधिक हैं। ट्रंप को अदालतों से भी कुछ खास हासिल नहीं हुआ।
उधर, पेंस ने राष्ट्रपति को यह बताने की कोशिश की कि वे चुनाव नतीजों को प्रमाणिक करने से रोक नहीं सकते हैं।
अमेरिकी राज्य जॉर्जिया में सीनेट (उच्च सदन) के लिए होने वाले चुनाव में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है। जॉर्जिया में रिपब्लिकन पार्टी की कैली लोएफलर और डेमोक्रेट के राफेल वॉरनोक तथा जॉन ओसॉफ व पेड्रयू के बीच बराबरी का मुकाबला चल रहा है। 98 फीसदी मतगणना हो चुकी है।
इस बीच बुधवार की सुबह तक डेमोक्रेट नेता वॉरनोक की रिपब्लिकन प्रत्याशी पर जीत तय हो गई है जबकि दूसरी सीट पर भी डेमोक्रेटिक प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं। यह चुनाव अमेरिकी सियासत में इसलिए अहम हैं क्योंकि इनसे तय होगा कि अमेरिकी सीनेट पर किस पार्टी का नियंत्रण होगा।
बाइडन को संसद पर पूर्ण नियंत्रण के लिए जॉर्जिया की दोनों सीटें जीतना जरूरी होगा। जबकि सीनेट में कब्जा बरकरार रखने के लिए रिपब्लिकन पार्टी को सिर्फ एक सीट जीतनी होगी और उसे लेकर कांटे की टक्कर जारी है।
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