Post Views 11
August 28, 2018
कोटा. जेके लोन अस्पताल से 11 माह पहले 10 वर्षीय बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने 5 कार्य दिवस में फैसला सुना दिया। पुलिस ने 20 अगस्त को चालान पेश किया था।
न्यायालय ने फैसले में आरोपी पप्पू उर्फ हरिराम को ताउम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर एक लाख का जुर्माना भी किया है। राजस्थान में ये पहला मामला है जब पॉक्सो एक्ट में चालान पेश होने के 5 दिन के अंदर फैसला आया है। विशिष्ट न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) गिरीश अग्रवाल ने सोमवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाया।
यह घटना पिछले साल 13 अक्टूबर की है। उस दिन जेके लोन अस्पताल में भर्ती हुई एक गर्भवती के मृत बच्चा पैदा हुआ। इस दौरान एक युवक महिला की 10 वर्षीय बेटी को बहला फुसलाकर ले गया। उसकी 6 साल की बहन ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस तफ्तीश में पता चला कि आरोपी पप्पू बच्ची को ट्रेन में बिठाकर लाखेरी ले गया और जंगल में उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। इस दौरान बच्ची मौका पाकर भागकर लाखेरी स्टेशन और वहां से कोटा आ गई।
पुलिस ने रामचंद्रपुरा निवासी आरोपी पप्पू उर्फ हरिराम को 22 मई को गिरफ्तार किया था। लेकिन इससे पहले मामले में एफआर भी लग गई थी। न्यायालय ने आरोपी को 363, 366, 376(2)(आई) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 में दोषी माना। विशिष्ट न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने आरोपी को ताउम्र कैद की सजा और एक लाख रुपए के जुर्माने से दंडित कर दिया।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved