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December 20, 2017
पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर भारत सरकार अब बायोफ्यूल उत्पादन पर जोर दे रही है. जल्द ही इसके लिए एक पॉलिसी केन्द्र सरकार लाने जा रही है. इस पॉलिसी पर चर्चा के लिए मंगलवार को जयपुर स्थित इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में कार्यशाला का आयोजन किया गया. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में पांच राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए साथ ही पेट्रोलियम कम्पनियों के प्रतिनिधि भी इस कार्यशाला में शामिल हुए.
बायोफ्यूल ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के चैयरमेन रामाकृष्णा वाई बी ने कार्यशाला में कहा कि कृषि अवशेष से एथनॉल और बायो प्रोडक्ट्स बनाने के लिए 11 राज्यों में एक दर्जन कमर्शियल प्लांट पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं. प्रत्येक प्लांट पर सात सौ से आठ सौ करोड़ का खर्चा आएगा और करीब 400 टन कृषि अवशेष जो प्रतिदिन जलाए जाते हैं उनसे बाय प्रोडक्ट तैयार होंगे.
इसके लिए 500 करोड़ का फंड भी केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा है. कार्यशाला में चर्चा के बाद आने वाले सुझावों को केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा.मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि बायोफ्यूल उत्पादन में राजस्थान अग्रणी है और करीब 20 जिलों में इसके लिए रतनजोत और करंज के पौधे बड़े स्तर पर लगाए गए हैं.
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