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September 26, 2017
राजस्थान में खानों की ई-नीलामी का विरोध करने वाले खान कारोबारियों, अफसरों और नेताओं को बड़ा झटका लगा है. ई-नीलामी के दौरान प्रदेश में खानों की बोली अनुमानित लागत से 1500 से 2000 प्रतिशत तक ज्यादा लग रही है. सीकर के नीमकाथाना क्षेत्र में ई-नीलामी के दौरान चेजा पत्थर की आठ खानों की रिकॉर्ड बोली लगने से खान विभाग के अधिकारियों में काफी उत्साह है. ई-नीलामी से एक ओर जहां खान आवंटन में पारदर्शिता आ रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार को भी ज्यादा राजस्व मिलेगा. दरअसल, केन्द्र की मोदी सरकार ने 12 जनवरी, 2015 को माइनिंग एक्ट में संशोधन किया था, जिसमें खानों का ई-नीलामी से आवंटन का प्रावधान किया गया. इससे पहले केन्द्र से अक्टूबर, 2014 में ही खानों के आवंटन पर रोक लगा दी थी. केन्द्र सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए राज्य सरकार के कुछ आलाधिकारियों ने आनन-फानन में प्रदेश में 650 से ज्यादा खानों का फ्री में आवंटन कर दिया था. मामला विवादों में आने के बाद अक्टूबर, 2015 में राज्य सरकार को खानों का आवंटन निरस्त करना पड़ा.
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