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September 26, 2017
कहते हैं कि हिन्दुस्तान गांवों में बसता है. गांवों में टैलेंज की कोई कमी नहीं, बस जरूरत है तो उन्हें परखने की. सात साल की उम्र में पहली बार हॉकी स्टीक पकड़ने वाली पूजा का आज राज्य स्तरीय टीमों में चयन हो गया है. पूजा काफी मेहनत कर अंडर 14 व 17 में प्रदेश सहित देश में कई मेडल अपने नाम कर चुकी है. श्रीगंगानगर के पदमपुर के डेलवा गांव की पूजा विश्नोई इस बार राज्य स्तरीय हॉकी टूर्नामेंट में श्रीगंगानगर को विजेता तो बनाया ही साथ ही बेस्ट खिलाड़ी का अवॉर्ड अपने नाम किया है. पूजा ने 7 मैचों में 10 गोल किए. पूजा का सपना है कि पदमपुर की बेटी नवदीप जिस तरह आज अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी खेल रही है वैसे ही वह भी भारतीय हॉकी टीम में खेले और देश-प्रदेश का नाम रोशन करे. पूजा ने बताया कि उसे खेलने की प्रेरणा उनके भाई से मिली. बचपन में भाई हॉकी खेलता था तो वह स्टीक पकड़कर हॉकी खेलती थी. इस पर भाई कहता था कि यह उसके बस की बात नहीं है. पूजा का कहना है कि उसे एक जिद थी कि कुछ भी हो जाए वह भी हॉकी में ही अपना नाम चमकाएगी. लगन, मेहनत देख उसका भाई मनीष भी बाद में उसे हॉकी के गुर सिखाने लगा. उसके पापा भी उसे हॉकी खेलने के लिए प्रेरणा देने लगे. बाद में कस्बे के एसएल स्कूल के कोच ने भी अच्छी ट्रेनिंग दी.
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