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September 24, 2017
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के ठीक सामने नकली दवाओं का गोरखधंधा खूब आराम से फल फूल रहा था जिसका एक कार्रवाई में भांडाफोड़ हुआ है। राजधानी जयपुर में राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस के सामने नकली दवाओं के कारोबार का भांडाफोड़ हुआ है। अस्पताल के सामने औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने एक मेडिकल स्टोर की जांच किए जाने के बाद वहां से नकली दवाओं की खेप बरामद की है। जानकारी के अनुसार मेडिकल स्टोर पर इंफेक्शन के इलाज में काम आने वाली एंटीबायटिक जीफी के नकली टैबलेट मिली हैं। बताया गया कि इन टैबलेट्स पर ना तो कोई मैन्यूफैक्चरिंग डेट थी और ना ही मैन्यूफैक्चरर का पता लिखा था। कार्रवाई स्वरुप औषधि नियंत्रण विभाग ने नकली माल खरीदने वाली 5 फर्मों पर मुकदमा दर्ज करवाया है। स्वास्थ विभाग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार चार महीने पहले सवाई मानसिंह अस्पताल के सामने एक मेडिकल स्टोर पर नकली दवाएं बेचे जाने की जानकारी मिली थी जिसके बाद से ही विभाग लगातार मेडिकल स्टोर की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था। मामले में खास बात ये रही कि जिस मेडिकल स्टोर पर ये कार्रवाई हुई है, वहां ये दवाएं जयपुर के ही एक मेडिकल स्टोर से आई थी और उस मेडिकल स्टोर ने दवाएं उदयपुर की किसी फर्म से खरीदी थी। कार्रवाई के दौरान की गई पूछताछ में सामने आया कि राजस्थान के ही अलग अलग शहरों में 5 फर्मों की चेन बनी हुई थी जहां से ये दवाएं सप्लाई की जाती थी। उदयपुर की फर्म ने जयपुर की फर्म को दवाएं सप्लाई की जिसे अजमेर की फर्म ने बेची थी और अजमेर की फर्म को ये दवाएं सीकर के अजीतगढ़ की फर्म ने सप्लाई की थी। पांचो फर्म के रिकॉर्ड खंगाले जाने पर ये पता नहीं लग पाया कि आखिर ड्रग मैन्यूफैक्चरर कौन था। फिलहाल औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने कई मेडिकल स्टोर्स और फर्म को शक के आधार पर एफआईआर में उनका नाम दर्ज कराया है जिनपर कार्रवाई की जाएगी।
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