Post Views 741
August 26, 2017
थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक के कोर्ट नहीं पहुंचने की नजहल से सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया हैं. थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा लापरवाही के एक मामले में सुनवाई के लिए शुक्रवार के दिन कोर्ट में हाजिर नहीं हुई क्योंकि उन्हें इस मामले में जेल की सजा हो सकती थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके देश छोड़कर भागने की आशंका के मद्देनजर आज गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया और जुंटा ने सीमा पर नियंत्रण बढ़ा दिया.
हालांकि हजारों समर्थक शुक्रवार को थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री यिंगलक की एक झालक पाने के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन वह दिखाई नहीं दी थी. इसके बाद आशंकाएं जताई जाने लगीं कि कहीं वह आत्म निर्वासन में रह रहे अपने अरबपति भाई थाक्सिन के पास तो नहीं चली गई हैं.
मुख्य न्यायाधीश चीप चुलामोन ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 27 सितंबर तय करते हुए आशंका भी जताई कि वह देश छोड़कर जा सकती हैं. उन्होंने कहा, उनके अधिवक्ता ने बताया है कि वह बीमार है और फैसले में उन्होंने देरी करने के लिए कहा हैं. हालांकि अदालत को इस बात पर यकीन नहीं है कि वह बीमार हैं और उनके खिलाफ वारंट जारी करने का निर्णय दिया.
उल्लेखनीय है कि 2014 में सैन्य तख्तापलट के जरिए यिंगलक की सरकार को हटा दिया गया था. यदि उन्हें चावल सब्सिडी नीति में लापरवाही के मामले में दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें 10 साल की जेल और राजनीति से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री के अधिवक्ता नॉरवाइट लार्लेंग ने अदालत से बाहर पत्रकारों से कहा कि मैंने कोर्ट को सुबह आठ बजे ही बता दिया था कि वह मेनियार्स का रोग से पीड़ित हैं और उन्हें चक्कर आ रहे हैं, इसलिए उन्होंने कोर्ट से सुनवाई स्थगित करने की अपील की है. रिपोर्टर के अधिवक्ता से पूछे जाने पर कि क्या यिंगलक थाईलैंड में ही हैं तब जनाब में उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं हैं.
बता दें कि यिंगलक के भाई थाक्सिन शिनावात्रा भी थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री है जोकि भ्रष्टाचार के दोषी ठहराये जाने और दो साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद वह वर्ष 2008 में देश छोड़कर चले गए थे. उसके बाद से वह वापस नहीं लौटे. उनका थाईलैंड का पासपोर्ट भी निरस्त किया जा चुका हैं.
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved