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August 17, 2017
अमेरिकी सरकार की एक रपट के मुताबिक बांग्लादेश में हिंदुओं के विवाह से संबंधित कुछ कानून भारत में मुसलमानों के लिए बने कानून के जैसे हैं. वॉशिंगटन में मंगलवार को जारी की गई अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक आजादी रपट (आईआरएफआर), 2016 में कई देशों में विभिन्न समूहों द्वारा संचालित विवाह कानूनों की जांच की गई है. इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को बहुविवाह की इजाजत दी गई है. रपट में कहा गया है, "हिंदू (नागरिक) कानून के तहत पुरुष की कई पत्नियां हो सकती हैं. लेकिन उनके पास आधिकारिक तौर पर तलाक का विकल्प नहीं है. बौद्ध भी हिंदू कानून के तहत आते हैं और तलाकशुदा हिंदू और बौद्ध कानूनी तौर पर फिर से शादी नहीं कर सकते. रपट में कहा गया है कि हिंदू नागरिक कानून में महिलाओं को विरासत की संपत्ति पर भी रोक लगाई गई है. हिंदुओं और बौद्धों के तलाक और पुनर्विवाह पर रोक को लेकर वहां विरोध है. क्योंकि यह कानून दूसरे धर्मो पर लागू नहीं होता. आईआरएफआर ने कहा कि मनुशेर जोन्नो फाउंडेशन (एमजेएफ), अइन ओ सलिश केंद्र (एएसके), बांग्लादेश महिला परिषद व बांचते शेख सहित कई संगठनों ने इन नियमों को बनाए रखने के लिए सरकार की निंदा की है.
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