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July 13, 2017
गृहमंत्री कार्यालय के पास एक साल में भी नहीं पहुंचा मंत्री देवनानी का पत्र। कोटपुतली के एक स्कूल में कार्यलय सहायक के फांसी के फंदे पर झूलने का है मामला। मृतक ने लगाया था देवनानी के निजी सचिव पर गंभीर आरोप। सुसाइड नोट में लिखा था - देवनानी के निजी सचिव ने लिए थे ट्रांसफर और पदोन्नित के नाम पर लिए थे 16 लाख 50 हजार रुपए । देवनानी ने कहा था कि गृहमंत्री को निष्पक्ष जांच के लिए लिखा है उन्होंने पत्र। अब आरटीआई में हुआ खुलासा । ऐसा कोई पत्र गृहमंत्री कार्यालय के पास है ही नहीं।
एक्सक्लुसिव रिपोर्ट। अजमेर
क्या शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने झूठ बोला है। क्या उन्होंने अपने निजी सहायक से जुड़े मामले में मीडिया को गलत बयान जारी किया। क्या देवनानी ने गृहमंत्री को निष्पक्ष जांच के लिए कोई पत्र नहीं लिखा था। अगर लिखा था तो गृहमंत्री कार्यालय तक वो क्यों नहीं पहुंचा
ऐसे कैसे संभव है कि एक मंत्री दूसरे मंत्री को सरकारी पत्र लिखे और वो ना पहुंचे। देवनानी का लिखा पत्र गृहमंत्री के पास क्यों नहीं पहुंचा। यदि पहुंचा है तो क्या आरटीआई कार्यकर्ता को मिली जानकारी गलत है और अगर आरटीआई के तहत मिली जानकारी सही है तो फिर क्या देवनानी ने गृहमंत्री से निष्पक्ष जांच के लिए लिखे जाने वाले पत्र के लिए झूठ बोला है। यह सारे सवाल खड़े हुए हैं एक आरटीआई से।,
हालांकि उनके निजी सचिव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और देवनानी से उसके संबंधों की पुलिस जांच हो चुकी है।
यह मामला भी कई बार उठ चुका है लेकिन इस मामले में नया यही है कि गृह मंत्रालय ने आरटीआई से जुड़े एक सवाल के जवाब में लोक सूचना अधिकारी ने 26 मई 2017 को साफ लिखा है कि शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी द्वारा क्रमांक आर 1177 से संबंधित कोई पत्र नहीं गृहमंत्री कार्यालय को नहीें मिला है।
पहले जानते हैं - मामला क्या है
सन 2016 में कोटपुतली के प्राज्ञपुरा क्षेत्र के दांतिल गांव की सीनियर सैंकडरी सरकारी स्कूल में कार्यालय सहायक दिनेश शर्मा द्वारा स्कूल के ही एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया था। मृत दिनेश शर्मा से एक सुसाइड नोट भी मिला था। इस सुसाइड नोट में दिनेश शर्मा ने शिक्षा राज्यमंत्री के निजी सचिव शिवशंकर शर्मा पर ट्रांसफर और पदोन्न्ति के लिए उससे 16 लाख 50 हजार रुपए लेने की बात कही थी। इस मामले में मंत्री देवनानी का नाम आने के बाद यह मामला मीडिया की सुर्खिया बनी थी। मृतक ने उप निदेशक कार्यालय के कुछ कर्मचारियों पर प्रताडित करने का भी आरोप लगाया था।
इस मामले के तूल पकडऩे के बाद देवनानी ने 28 मई 2016 को एक विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को बताया था कि उन्होंने गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को अर्द शासकीय पत्र लिखकर दिनेश शर्मा के आत्म हत्या करने के मामले में निष्पक्ष जांच करने का निवेदन किया था। देवनानी ने इस पत्र का क्रंमांक रामशि-2016- आर-1177 बताया था। देवनानी के इस बयान के बाद राजस्थान ब्रहाम्ण महासभा केद पण्डित सुदामा शर्मा ने एक आरटीआई लगाकर यह जानना चाह कि मंत्री देवनानी के इस पत्र पर गृहमंत्री कार्यालय द्वारा क्या कदम उठाए गए। जब सुदामा को सूचना विभाग से उनकी आरटीआई का जवाब मिला तो वो दंग रह गए। लोक सूचना अधिकारीइ एवं शासन उप सचिव गृह सुरक्षा विभाग ने बताया कि उन्होनें गृहमंत्री कार्यालय में व्यक्तिश जानकारी करने पर पाया कि मंत्री देवनानी द्वारा लिखा गया पत्र होना पाया ही नहीं गया।
आरटीआई के जवाब की माने तो दो ही बात सामने आती है या तो देवनानी ने पत्र लिखा ही नहीं या फिर लिखा था लेकिन वेा गृह मंत्री कार्यालय तक पहुंचा ही नहीं।
जो भी है मंत्री देवनानी से हॉरिजन हिंद न्यूज ने इस आरटीआई के बारे में उनसे बात की तो देवनानी ने कहा कि आरटीआई कोई भी लगा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस जांच पूरी हो चुकी है।
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