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July 10, 2017
अजमेर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश दीपक माहेश्वरी ने भगवंत युनिर्वसिटी के चेयरमैन अनिल सिंह व सह आरोपित वसुधा देवराज के नोटिस जारी कर चार सप्ताह में उपस्थिति के लिये आदेश पारित किये है।
न्यायाधीश के समक्ष परिवादिया पीडिता ने अजमेर अतिरित्त सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीडन की पीठासीन अधिकारी अनु अग्रवाल के निर्णय १४सितम्बर २०१५ जिसमें आरोपी अनिल सिंह व वसुधा देवराज को धारा ३४२,३८४,३५४,३७६/५११आईपीसी के आरोपों से दोषमुत्त किया था, के विरुद्घ उच्च न्यायालय जयपुर से अपील की थी। पीडता के वकील वैभव जैन ने बताया कि अधिनस्थ न्यायालय ने आरोपियों को बरी कर दिया था, जिस निर्णय से पीडीता कतई संतुष्ट नहीं थी। जिस कारण से पीडता द्वारा निर्णय के विरुद्घ अपील कराई गई थी। तथ्यनुसार २५नवम्बर २०११ को पीडता द्वारा क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस में उपस्थित होकर एक मुकदमा संख्या ३२५/१२अंतर्गत धारा ३५४,३४२,३७६/५११, १२०बी भादसं के तहत दर्ज कराया गया था कि युनिर्वसिटी के चेयरमैन अनिल सिंह ने पीडता की पस माप करने के ऐवज में पीडता को अपने घर बुलाकर बलात्कार करने का प्रयास किया था तथा पीडिता के साथ छेडछाड की थी। उत्त* कृत्य मेंं होस्टल वार्डन वसुधा देवराज ने पीडता को बहला-पुसलाकर अनिल सिंह के घर ले जाकर उत्त उपराध में साथ दिया था। पुलिस द्वारा उत्त प्रकरण में दोनों आरोपी गणों गिरपतार किया था तथा नौ महिने तक मुख्य आरोपी अनिल सिंह जेल में रहा था। जिसका विचारण अतिरित्त सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीडन कोर्ट में चला था और जहां से आरोपीगण को बरी किया गया था।
फेसले से असंतुष्ट परिवादिया ने अपने वकील वैभव जैन व राजेन्द्र सिंह तंवर के मार्पत उच्च न्यायालय में अपील की थी। जहां तर्को से सहमत होकर न्यायाधिपति ने दोनों आरोपी के ४सप्ताह में उपस्थिति के नोटिस जारी कर दिये। जिसकी आगे सुनवाई चार सप्ताह के बाद हाईकोर्ट में यथावथ चलेगी।
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