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June 25, 2017
जयपुर। राज्य के कुख्यात एवं पांच लाख रुपये के इनामी अपराधी आनंदपाल सिंह की शनिवार रात एनकाउन्टर में मृत्यु हो गई। एसओजी के नेतृत्व में चूरू, अजमेर, नागौर, ईआरटी, पुलिस कमिश्नरेट जयपुर एवं सिरसा (हरियाणा) पुलिस के अधिकारियों और जवानों ने आनंंदपाल को जिंदा पकड़ने का प्रयास किया, किन्तु आनंदपाल द्वारा गोली चलाये जाने पर पुलिस ने उसका प्रतिकार किया। इस दौरान एक्सचेंज ऑफ फायर में उसकी मृत्यु हो गई। उसके दोे भाइयों जिन पर पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित है, उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में रविवार को प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए महानिदेशक, पुलिस मनोज भट्ट ने बताया कि इस ऑपरेशन में घायल कमांडो सोहन सिंह तथा धर्मपाल सिंह को आउट ऑफ टर्न पदोन्नति देने की कार्यवाही चल रही है तथा गेलेन्ट्री मेडल के लिये केन्द्र को अनुशंषा भेजी जायेगी। शेष टीम को उनकी परफोरमेन्स के आधार पर पुरस्कृत किया जायेगा। भट्ट ने बताया कि यह गर्व का विषय है कि इस ऑपरेशन में शामिल टीम के प्रत्येक सदस्यों ने अदम्य साहस एवं बहादुरी का परिचय देते हुए का ऑपरेशन को सफल बनाया। आगे अनुसंधान में और भी खुलासे होंगे। कुख्यात अपराधी के साथ जो शूटआउट हुआ है, उसके बाद पुलिस का मनोबल बढे़गा तथा पुलिस द्वारा अपराध मुक्त समाज के लिये की गई कार्यवाही से आमजन में एक अच्छा संदेश पहुंचेगा।
महानिदेशक ने बताया कि दो माह पूर्व एसओजी के आईजी दिनेश एम. एन. को छतरगढ़ थानाधिकारी हंसराज ने सूचना दी कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल का भाई विक्की और गट्टू तथा अन्य इनामी अपराधी तेजपाल, बलबीर निमोद, हनुमानगढ़ में रह रहे हैं। इस पर दिनेश एम. एन. ने एसओजी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भटनागर को उक्त सूचना के सत्यापन के लिए कहा। भटनागर ने एसओजी में तैनात इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह तथा मनोज गुप्ता के सहयोग से उक्त सभी अपराधियों को ढूंढना शुरू किया। डेढ़ माह की कड़ी मेहनत के बाद ज्ञात हुआ कि आनंदपाल, विक्की, गट्टू, तेजपाल, बलबीर सिरसा (हरियाणा) जिले में छिप कर रह रहे हैं और खानाबदोशों का जीवन जी रहे हैं। वे हथियार बन्द हैं और पुलिस पर कभी भी हमला कर सकते हैं। यह भी ज्ञात हुआ कि इन लोगोें द्वारा करीब 6 माह पूर्व भादरा थाना इलाके में 70 लाख रुपये की लूट भी की है। वे लोग कभी-कभी अपने मिलने वालों के पास जाकर पनाह लेते हैं। वे कभी-कभी सिरसा भी जाते हैं और वहां ओएचएम मॉल में समय काटने हेतु फिल्म भी देखते हैं। भट्ट ने बताया कि कुछ समय बाद यह ज्ञात हुआ था कि आनन्दपाल सिंह अपने गैंग के सदस्यों के साथ ग्राम शेरपुरा, सिरसा निवासी सुरेन्द्र महरिया उर्फ प्रधान के रिहायशी मकान पर अक्सर छदनाम से शरण लेकर रह रहा है। इस पर सुरेन्द्र उर्फ प्रधान के रिहायशी आवास पर एक विशेष टीम का गठन कर, जिसमें विद्याप्रकाश, सीओ कुचामन सिटी, सूर्यवीर सिंह राठौड़, पुलिस निरीक्षक, एसओजी, हरीराम कानि. एसओजी, व ईआरटी कमांडो सोहन सिंह, सन्दीप व थाना डीग से एसपीओ नरेश कुमार को शामिल कर 21 जून, 2017 को तैनात किया गया। संजीव भटनागर द्वारा दो अन्य टीमों को मकान के पड़ोस मे तैनात किया गया। शनिवार 24 जून, 2017 को सायं करीब 06.30 बजे आनन्दपाल सिंह का भाई विक्की उर्फ रूपेन्द्रपाल, देवेन्द्रपाल सिंह उर्फ गट्टू सुरेन्द्र महरिया उर्फ प्रधान के निवास पर पल्सर मोटर साईकिल से आये, जिनको वहां नियोजित टीम के सदस्यों द्वारा धर दबोच लिया गया। पूछताछ में दोनों मुल्जिमान ने बताया कि आनंदपाल सिंह चूरू जिले में रतनगढ़ व सरदार शहर के बीच में गांव मालासर में श्रवणसिंह राजपूत के मकान में रह रहा ह महानिदेशक पुलिस ने बताया कि उक्त जानकारी के सम्बन्ध में आईजी, एसओजी दिनेश एम. एन. एवं पुलिस अधीक्षक चूरू को अवगत कराया गया। दस्तयाब किये गये गये मुल्जिमान को पुलिस टीम मालासर लेकर पहुंची, जहां पर उन्हें पुलिस अधीक्षक चूरू राहुल बाहरठ, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक केशरसिंह व योगेन्द्र फौजदार, करन शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसओजी मय जाप्ते के मौजूद मिले। उपस्थित पूरे जाप्ते को राहुल बारहठ व करन शर्मा द्वारा अच्छी तरह से ब्रीफ किया गया। श्रवण सिंह के मकान की योजनाबद्ध तरीके से घेराबन्दी की गई। आनंदपाल सिंह को आत्मसमर्पण करने हेतु चेतावनी दी गई किन्तु उस पर कोई असर नहीं हुआ और उसने मकान की छत से फायर करना शुरू कर दिया। पुलिस बल ने शनिवार रात 10.30 बजे मकान में प्रवेश कर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ की अगुवाई में मोर्चा लिया। आनन्दपाल सिंह छत पर बने कमराें व बाहर से लगातार पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से उन पर फायरिंग कर रहा था। आनन्दपाल सिंह की घेराबन्दी के लिये तैनात किया गया जाप्ता पूरी तरह संकटापन्न स्थिति में था। ऎसी स्थिति में पुलिस जाप्ते को बचाने के लिये पुलिस बल के सदस्याें द्वारा आत्मरक्षार्थ फायरिंग की गई। इस फायरिंग में सोहन सिंह कमांडो, धर्मपाल सिंह, सूर्यवीर सिंह पुलिस निरीक्षक अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए अदम्य साहस एवं शौर्य का परिचय देते हुए मकान की सीढ़ियांंे से अपनी उपस्थिति छिपाते हुए सतर्कता से छत की ओर आगे बढे़। जिन पर आनन्दपाल सिंह ने जान से मारने की नीयत से बस्र्ट फायर किया।
जिसमें सोहन सिंह व धर्मपाल सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गये। सूर्यवीर सिंह दोनाें को कवरिंग फायर देते हुए सीढ़ियों से गिरने से दाहिनें हाथ पर गम्भीर चोट आयी। इस पर पुलिस जाप्ते द्वारा भी आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की गई, जिसमें आनंदपाल सिंह मारा गया। मौके पर आनंदपाल सिंह द्वारा 50 राउण्ड से अधिक फायर किये गये तथा पुलिस बल द्वारा करीब 150 राउण्ड फायर किये गये। आनंदपाल सिंह के कब्जे से दो एके 47 व भारी मात्रा में अवैध कारतूस तथा गाड़ियों की फर्जी नम्बर प्लेटें बरामद हुई। मौके से आनंदपाल सिंह की स्कॉर्पियो व मोटरसाईकिल बरामद की गई। यह सारी कार्यवाही दिनेश एमएन, आईजी, एसओजी के सुपरविजन तथा उमेश मिश्रा, एडीजी, एटीएस एवं एसओजी के निर्देशन में की गई। घायल जवान सोहनसिंह की हालत गंभीर बनी हुई है, जिसका एसएमएस अस्पताल, जयपुर में इलाज किया जा रहा है। सूर्यवीरसिंह राठौड़, पुलिस निरीक्षक एसओजी के हाथ में कार्यवाही के दौरान चोट लगने से फ्रैक्चर हो गया है। कांस्टेबल धर्मपाल तथा हरिराम के भी कार्यवाही के दौरान चोटें आई हैं। सम्पूर्ण कार्यवाही में एसओजी, जिला पुलिस नागौर, चूरू, अजमेर, ईआरटी तथा सिरसा हरियाणा के अधिकारियों एवं जवानों ने पूरा तालमेल रखा।
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