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June 17, 2017
रिपोर्टर-उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को दिल्ली में 95 गांव को दिल्ली विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में शामिल करने की अधिसूचना को मंजूरी दे दी। उनके इस फैसले से राजधानी में 25 लाख नए फ्लैट बनने का रास्ता साफ हो गया है। एलजी ने डीडीए अधिनियम-1957 की धारा 12(1) के तहत दिल्ली के इन 95 गांवों को शहरीकृत करने की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है।
95 गांव डीडीए के विकास क्षेत्र में शामिल
उपराज्यपाल के इस फैसले से लैंड पूलिंग नीति के जरिये राजधानी के बाहरी क्षेत्र में किसानों या निजी डेवलपरों के जरिए केंद्र सरकार के सस्ते मकान बनाने की योजना को लागू करने में भी मदद मिलेगी। जिन 95 गांवों को शहरीकृत घोषित किया है उन गांव में सभी बुनियादी सुविधा जैसे सीवर, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज आदि का विकास करने की जिम्मेदारी डीडीए की होगी।
केंद्र सरकार ने दो साल पहले 2015 में ही लैंड पूलिंग नीति को मंजूरी दे दी थी, लेकिन दिल्ली सरकार से मंजूरी नहीं मिलने की वजह से फाइलें दबी हुई थी। दिल्ली सरकार ने इन गांवों को शहरीकृत गांवों का दर्जा देने में कई तरह की अड़चनें गिनाई थी। हालांकि पिछले माह दिल्ली सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूर करते हुए कुछ गांव को शहरीकृत घोषित करने के लिए अधिसूचित किया था। डीडीए की इस स्कीम के तहत प्राइवेट डेवलपर्स इन गांवों में किसानों से जमीन खरीदेंगे डीडीए उस जमीन को डेवलप कर 48 से 60 जमीन उस प्राइवेट डेवलपर को वापस कर देगी
ये प्रमुख गांव शामिल
कमरुद्दीन नगर, किराड़ी, सुलेमान नगर, मुंडका, नांगलोई, निलोठी, बाजिदपुर नांगल ठाकरान, बवाना, सुल्तानपुर डबास समेत कई गांव शामिल हैं।
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