Post Views 841
June 17, 2017
रिपोर्टर- कालेधन पर लगाम लगाने कोशिश में जुटी मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। स्विट्जरलैंड ने वित्तीय लेनदेन पर भारत सरकार के साथ ग्लोबल कंवेन्शन ऑन ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ब्लैकमनी पर नकेल कसने के लिए भारत सरकार को यह सफलता शुक्रवार को मिली। भारत सरकार के साथ समझौता कर भारतीय जमाकर्ताओं की सूचना देने के लिए राजी होने वाली स्विस फेडरल काउंसिल ने कहा कि इस समझौता 2018 से लागू हो जाएगा। यानी स्विस बैंक में जमा भारतीय कालेधन के पहले आंकड़े और सूचना 2018 में मिल सकते हैं।यूरोपीय यूनियन और यूरोपीय देशों की एक उच्च शासी निकाय फेडरल काउंसिल जल्द ही भारत सरकार को इस बारे में सूचना देगी कि अपने-आप जमाकर्ताओं की जानकारी किस डेट से मिलना शुरू होगी।
भारत सरकार को इस समझौता करने में मिली कामयाबी से अब विदेशी बैंको में वित्तीय लेनदेन पर पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। ऑटोमैटि एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन के जरिए सरकार को स्विस बैंक जैसी संस्थाओं से विशेष जानकारी मांगने में मदद मिलेगी। इसके अलावा टैक्स देने में हेराफेरी करने वाले भातीयों के बारे में भी अब सूचनाएं मिल पाएंगी।शुक्रवार को दोनों देशों के बीच हुआ यह समझौता बेहद ही जटिल समझौता था। इस समझौते के बाद अब स्विट्जरलैंड जी20 और ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के दिशा निर्देशों के तहत सूचनाएं आदान प्रदान करेगा। भारत में टैक्स देकर बचत करने के बाद स्विस बैंक में अपनी पूंजी जमा करने वालों की अब कोशिश होगी कि उनके बारे में किसी प्रकार की सूचनाएं लीक न हों।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved