Post Views 801
June 17, 2017
रिपोर्टर- राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की। हालांकि, केंद्रीय मंत्रियों ने किसी नाम का प्रस्ताव नहीं किया, जिसकी वजह से येचुरी ने बयान दिया कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के साथ भाजपा की बैठकें महज प्रचार है। यहां माकपा मुख्यालय में करीब 30 मिनट तक चली बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में येचुरी ने अपनी पार्टी का रुख दोहराया कि मजबूत धर्मनिरपेक्ष साख वाला व्यक्ति ही अगला राष्ट्रपति होना चाहिए। माकपा नेता ने कहा कि 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए सरकार की ओर से अपना उम्मीदवार तय करने को लेकर चल रहा विचार-विमर्श पूरा होने तक विपक्षी पार्टियां इंतजार करेंगी। वामपंथी पार्टी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार पर आम राय बनाने को लेकर भाजपा की ओर से बनाई गई समिति में शामिल मंत्रियों से जानना चाहा कि क्या दिल्ली मेटो के पूर्व प्रमुख ई श्रीधरन राजग के उम्मीदवार बनेंगे। दरअसल, एक वेबसाइट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि श्रीधरन भाजपा की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने रिपोर्ट को नकारा और येचुरी को बताया कि सरकार ने अब तक कोई नाम तय नहीं किया है।
माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने सवाल किया कि क्या भाजपा-आरएसएस राष्ट्रपति पद पर अपना उम्मीदवार बिठाने का मौका यूं ही जाने देगी, जबकि वे इस पद पर चुनाव के बेहद करीब हैं। बैठक के बाद येचुरी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने हमें बताया कि वे हमारा समर्थन चाहते हैं। हमने कहा ठीक है, हमें समर्थन का आधार बताएं, उम्मीदवार कौन है। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया। वे इसमें कुछ वक्त लेंगे।माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात और वृंदा करात भी इस बैठक में शामिल थे। येचुरी ने कहा कि आम राय कायम करने के लिए नाम सुझाने की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार की ओर से कोई नाम प्रस्तावित नहीं करने पर येचुरी ने कहा कि विचार-विमर्श की यह प्रक्रिया विपक्षी पार्टियों से मुलाकात का प्रचार ज्यादा लग रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार ऐसा कर रही है, इसलिए हमने अपने दफतर में उनका स्वागत किया। अच्छी बात है कि वह यहां आए।
येचुरी ने इस धारणा को भी खारिज किया कि चूंकि भाजपा के पास जनादेश है, इसलिए विपक्ष को उसके उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राजग को 39 फीसदी वोट मिले थे जबकि विपक्ष को 61 फीसदी वोट मिले थे।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved