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January 14, 2025
नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने आसाराम को 31 मार्च 2025 तक अंतरिम जमानत प्रदान की है। यह जमानत मेडिकल आधार पर दी गई है।
जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की डबल बेंच ने आसाराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। इस मामले में अधिवक्ता आरएस सलूजा और यशपाल सिंह ने आसाराम का पक्ष रखा।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी आसाराम को मेडिकल आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के दौरान आसाराम पर यह शर्त लगाई थी कि वह अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकता।आसाराम के खिलाफ मामले:आसाराम दो अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
पहला मामला:जोधपुर आश्रम में 2013 में नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला। इस मामले में 2018 में पॉक्सो एक्ट के तहत आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
दूसरा मामला:गुजरात के गांधीनगर आश्रम में एक महिला अनुयायी से बार-बार बलात्कार करने का मामला। सूरत की रहने वाली पीड़िता ने 2013 में आरोप लगाया था। इस मामले में जनवरी 2023 में गांधीनगर कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
मेडिकल ग्राउंड पर राहत: आसाराम के वकीलों ने जमानत के लिए मेडिकल ग्राउंड का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए जमानत दी जा रही है। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस दौरान आसाराम अपने अनुयायियों या समर्थकों से संपर्क नहीं कर सकता।
आसाराम को मिली यह राहत 31 मार्च 2025 तक है। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई में जमानत को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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