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May 24, 2018
अब तो बस करो यार !!!*
*आखिर और कितना महंगा होगा पेट्रोल और डीज़ल ?*
नरेश राघानी
किसी बात की एक हद होती है!!!
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को देख कर तो ऐसा लगता है कि इस देश के आम नागरिक की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा सिर्फ उसके घर के बाहर खड़ी हुई गाड़ियां ही पी गयी हैं। हालात को देख कर ऐसा लगता है कि आने वाले समय में *गाड़ी के साथ जो पेट्रोल पंप खरीद पायेगा बस वही गाड़ी चला पायेगा*
माना कि यह समस्या पूरे विश्व में व्याप्त है। परंतु हमारे देश में पेट्रोल की कीमत लगभग रोज तय हो रही है । परंतु वहां सरकारें इस मुद्दे पर इस तरह उदासीन नहीं रहती जिस तरह हामरे देश में हो रहा है । मुझे याद है कुछ साल पहले जब पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी होती थी तो बहुत तगड़ा विरोध होता था , कई बार इनकी कीमतों की बढ़ोत्तरी पर तो सरकारें भी गिरी हैं । लेकिन अब तो ऐसा लगने लगा है जब देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल महाराष्ट्र में ₹85 प्रति लीटर बिक रहा है , तो भी लोगों को जैसे पेट्रोल की कीमतों से समझौता करने की आदत डाल दी है मौजूदा सरकार ने । देश की राजधानी में 47 प्रतिशत टैक्स तो मूल कीमत पर वैसे ही लगा दिया गया है । अपने यह समझ से बाहर है कि आखिर सरकार इसमें कर क्या रही है? माना साहब की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़ी हुई है ,परंतु सरकार तो कम से कम यूँ कर लगा के देशवासियों की जेब न काटे । बाकी सारा खर्चा ताक पर रखकर क्या सरकार को पेट्रोल की कीमतें घटाने में प्रयास नहीं करना चाहिए ? पेट्रोल की कीमतों से बाकी महंगाई पर भी बहुत प्रतिकूल असर पड़ता है , परंतु वोट और खोट के चक्कर में फंसी सरकार के पास शायद आम आदमी की तकलीफ को महसूस करने का समय नहीं है। विपक्ष को पता नहीं क्या हो गया है ? वह भी इस मुद्दे को मुखर रूप से उठाने में कामयाब होता दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि यह मुद्दा भी बिल्कुल पेट्रोल की तरह ही ज्वलनशील मुद्दा है जो कि यदि ढंग से उठाया जाए तो विपक्ष के दिन पलट सकते हैं । सशक्त विपक्ष की भूमिका न निभा पाने से लोगों को विपक्ष से भी अब कोई उम्मीद नहीं रही है।
पेट्रोल के मुद्दे पर विपक्ष की ऐसी उदासीनता की वजह से भी देश का आम आदमी पेट्रोल की चक्की में पिस रहा है। यदि यह कीमतें ऐसे ही बढ़ती रही तो जल्द ही लोगों को पेट्रोल और डीजल की गाड़ियां छोड़कर चीन की तरह साइकिलों पर निर्भर होना पड़ेगा । *आम आदमी के सब्र का इम्तिहान लेती पेट्रोल डीजल की कीमतें कब किसी दिन एक विद्रोह का रूप ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता। वह दिन दूर नहीं है कि जिस दिन आम आदमी का दिमाग सरक जाएगा और वह इस मुद्दे को लेकर मौजूदा सरकार के नुमाइंदों को संसद से उठा कर बाहर फेंक देगा* ।
जय श्री कृष्णा
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