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May 24, 2018
कर्नाटक की जीत का असर पड़ेगा राजस्थान कांग्रेस की आंतरिक राजनीति पर*
*राष्ट्रीय स्तर पर झंडे गाड़ने वाले अशोक गहलोत को दरकिनार करना अब होगा असंभव*
नरेश राघानी
कमबख्त यह नेता है या नचनिया ? अभी दो दिन पहले ही भाजपा कार्यकर्ता अजमेर में सड़कों पर नाचते हुए ढोल पीटते जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे थे। जब येदुरप्पा ने शपथ ली थी। आज येदुरप्पा के इस्तीफे पर वही नाच गाना और ढोल पीटना करते हुए कांग्रेसी दिखाई दे रहे हैं ।
ये रोज़ रोज़ की चुनावी उथल पुथल से अजीब हालात और घटनाएं देखने को मिलती हैं , ईन हालातों के मद्देनजर मुझे लगता है कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही पार्टी के भीतर नाच गाना प्रकोष्ठ का गठन अतिशीघ्र कर देना चाहिए। क्योंकि बात बात पर खुश होने वाले और बात बात पर दुखी होने वाले इन नेताओं के मूड का कुछ कह नहीं सकते। खैर !!! छोड़िए ये सब तो होता ही रहेगा । मुद्दे की बात करते हैं।
*मुद्दे वाली वाली बात यह है कि कांग्रेस की इस जीत का श्रेय आखिर जाता किसको है ? यह किसी भी हाल में केवल राहुल गांधी की उपलब्धियों में गिनाने योग्य बात तो है नहीं। इसका श्रेय यकीनन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और मल्लिकार्जुन खड़गे को ही जाता है। तीनों की कुशल सूझबूझ, पार्टी के सभी विधायकों को एकजुट करके रखने की काबिलियत और साथ-साथ जेडीएस से अपने गठबंधन को कायम रख पाने की क्षमता ही की एक कारण है जिसकी वजह से कर्नाटक में आज कांग्रेस समर्थित सरकार बनने को है* । कर्नाटक के चुनाव का जो प्रभाव राजस्थान की राजनीति पर पड़ने वाला है वह साफ है।वह यह कि गुजरात और कर्नाटका में अपने झंडे गाड़ कर अपनी योग्यता साबित करने वाले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब राजस्थान की राजनीति में किनारे लगाना उनके विरोधियों के लिए असंभव होगा। भाई !!! ऐसा कैसे हो सकता है कि देश भर में कांग्रेस के गौरव की लड़ाई जीत कर देने वाले अशोक गहलोत को राजस्थान के चुनाव में मात्र युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने के नाम पर दरकिनार कर दिया जाए ? यह व्यवहारिक और राजनैतिक दोनों ही दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं होगा। तो साहब ... यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि राजस्थान विधानसभा का आने वाला चुनाव अशोक गहलोत के साथ सलाह मशवरा किये बिना बिल्कुल भी नहीं लड़ा जाएगा। क्योंकि अशोक गहलोत अब केवल राजस्थान के चेहरे नहीं अपितु राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के एक स्तंभ के रूप में उभर कर आये हैं । *तो यह जीत विशेष तौर से राजस्थान भर में अशोक गहलोत के समर्थकों के लिए बहुत अच्छी खबर है जिसका जश्न मनाना तो बनता है भाई ....*
जय श्री कृष्णा
नरेश राघानी
प्रधान संपादक
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