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March 12, 2018
महाराष्ट्र के 50 हज़ार किसान आज़ाद मैदान में जूट हैं और देश का मीडिया प्रधानसेवक सहित नौका विहार में मस्त।
नरेश राघानी
महाराष्ट्र के नासिक जिले से किसान आंदोलन शुरू हुआ है। जिनकी मांगे भी बड़ी वाजिब है ।जिसके चलते किसानों की कर्ज माफी, खेती में काम आए हुए उपकरणों कि बिजली के बिल में कुछ रियायत और समर्थन मूल्य की बढ़ोतरी खास मांग है। इन मांगों को लेते हुए किसानों का एक बहुत बड़ा रेला जिसमें लगभग 50000 किसान शामिल है, पैदल मार्च करते हुए मुंबई आ पहुंचे हैं । यह किसान किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए नहीं, गाड़ियों में नहीं बस पैदल मार्च करते हुए अपनी जायज मांग मनवाने के लिए महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।साथ साथ अपना राशन पानी लिए हाईवे पर जहां जगह मिल जाये सड़क के किनारे टेंट में खाना पका कर खा कर आराम करके सड़क पर ही सो जाते हैं। वापस उठ कर पैदल चलना यह सब बताता है कि किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी हद तक लड़ाई लड़ने को तैयार है ।
आज सुबह आज़ाद मैदान में जब सैकड़ों किसान इकट्ठे हुए हैं और वहां सभा चल रही है ऐसे समय पर इस देश के मीडिया को नरेंद्र मोदी और फ्रांस के प्रधानमंत्री के नौकाविहार दिखाई दे रहा है। और शशि थरूर की बीवी सुनंदा पुष्कर के सुसाइड केस को मर्डर केस दिखाने या फिर किसी एक सेलिब्रिटी के पारिवारिक झगड़े को दिखाने से फुर्सत नहीं मिल रही है। यह खेदजनक ही नहीं अपितु सोचकर बहुत शर्मिंदा करने वाला तथ्य है । पिछले कुछ वर्षों में मीडिया का जिस तरह का दुरुपयोग हुआ है वह बहुत ही विचारणीय है । जब जब सोशल मीडिया पर सरकार की थू थू किसी भी मुद्दे को लेकर शुरु होती है , तो कहीं ना कहीं से खबर चला दी जाती है कि मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल करने से भारी बैक्टीरिया उत्पन्न हो रहा है। या फिर यह खबर चला दी जाती है कि सरकार आपके WhatsApp और सोशल मीडिया पर नजर रख रही है, और अघोषित चेतावनी भी दी जाती है कि कोई भी ऐसी चीज पोस्ट ना करें जिसे सरकार का दिल दुख जाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। सत्ता का लालच सरकार के नुमाइंदों को आखिर किन हदों तक ले जाने वाला है यह तो राम ही जाने, लेकिन इतिहास गवाह है कि जब जब किसी भी सोच को इस तरह से चश्मा पहनाने की कोशिश की गई है या कोई दमनकारी नीति किसी भी सरकार द्वारा थोपी गई है। तब तब इस देश के लोकतंत्र ने पलटकर करारा जवाब दिया है।
सरकारें तो खैर अपनी बेशर्मी के लिए अपने अपने कार्यकाल में सभी पार्टियों की मशहूर रही है। परंतु दुखद बात यह है कि आज के देश के मीडिया का कुछ हिस्सा बिल्कुल इन राजनीतिक पार्टियों की तरह व्यवहार करने लगा है । जिसे किसी एक व्यक्ति विशेष यहां मत विशेष के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता । इस ब्लॉग के साथ एक तस्वीर पोस्ट कर रहा हूं जिसे देख कर आप को इस किसान के नंगे पैरों की लकीरों में इस देश के अन्नदाता का भविष्य शायद नजर आ जाए । और उस अंधे मीडिया कि शायद आंखें खुल जाए जो प्रधान सेवक जी के साथ गंगा जी में नौका विहार कर रहा है ।
जय श्री कृष्णा
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