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October 31, 2017
राजस्थान में कोयले की आपूर्ति कम होने से ताप बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन में 2700 मेगावाट की कमी आई है. इसके चलते अब केंद्र सरकार ने कोल इंडिया को कायला उत्पादन बढ़ाने को कहा है. सरकार ने कहा है कि काेयले का उत्पादन बढ़ाते हुए प्रतिदिन 20 लाख टन तक वितरण किया जाए.
बता दें कि केंद्र ने कोयले की मजबूत मांग को देखते हुए सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा है. साथ ही कोयले का वितरण 16 लाख टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 लाख टन प्रतिदिन करने के लिए कहा है.
सरकार की ओर से कोल इंडिया को यह निर्देश ऐसे समय दिया गया है जब देश में बिजली संयंत्र कोयले के संकट से जूझा रहे हैं. राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने पिछले महीने कहा था कि कोयले की कमी के कारण ताप बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन में 2700 मेगावाट की कमी आई है.
कोयला सचिव सुशील कुमार के अनुसार मानसून को देखते हुए कोल इंडिया लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होगा. हालांकि, यह काम रातोरात नहीं हो जाएगा, लेकिन इस लक्ष्य को हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र को अगस्त महीने में किया गया कोयला वितरण पिछले साल इसी महीने की तुलना में 14.4 प्रतिशत अधिक है और सितंबर महीने में यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है.
कोयला सचिव ने बताया कि ईंधन की मांग में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने कोल इंडिया को कोयला भंडार को खत्म करने करने के लिए कहा है. इस विा वर्ष की शुरुआत में कोल इंडिया के पास निकासी के लिए करीब 6.9 करोड़ टन का कोयला भंडार था... जो कम होकर 3 करोड़ टन रह गया है. अब जो कोयला भंडार बचा है वो कुछ महीनों का ताजा भंडार होगा. मुझो महसूस हो रहा है कि पुराना कोयला भंडार 3 करोड़ टन 31 मार्च तक समाप्त हो जाएगा.
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