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October 23, 2017
राजस्थान की 14वीं विधानसभा के नौवें सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में सत्तापक्ष और कांग्रेस विधाय़कों के बीच तीखी नोकझोक हुई.
सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने दण्ड विॆधियां राजस्थान संशोधन विधेयक और दण्ड प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन विधेयक के विरोध में बोलना शुरू कर दिया. इसी बीच कांग्रेस विधायक डोटासरा भी मैदान में आ गए और विधेयक को काला कानून करार दे दिया. इसी बीच भाजपा विधायक घनश्याम तिवाडी ने व्यवस्थ का प्रश्न उठाया लेकिन आसन की ओर से व्यवस्था का प्रश्न नहीं सुनने पर सदन से वाक आउट किया.
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने इन दोनों संशोधन विधेयकों पर बोलना शुरु किया और गृहमंत्री गुलाब चंद कटारियों को कहा की आप भीष्म पितामह बने हुए हो. कांग्रेस ने इन दोनों संशोधन विधेयकों के विरोध में सदन से बहिर्गमन किया. इसमें राजपा के किरोडी लाल मीणा और उनकी पार्टी के विधायकों ने भी वॉक आउट किया.
इसी बीच लूणकरणसर से आने वाले विधायक माणक चन्द सुराणा ने दोनों विधेयकों के मामले में आपत्ती जताई और कहा कि इन दोनों बिलों के साथ में संशोधन की राष्ट्रपति की मंजूरी की कॉपी और संशोधन करने के कारण और उद्देश्य भी नहीं मिले हैं.
सुराणा ने कहा कि संशोधन करके आपातकाल घोषित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा यह ना भूले कि चुनाव में एक साल ही बचा है. इस दौरान गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि संशोधन विधेयकों को अभी सदन के पटल पर रखा जा रहा है और जो भी गुणानगुण के बाद सुझाव आएंगे इसके बाद ही विधेयक सदन से पारित होगा.
इसी बीच संसदीयकार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जब सदन में विधेयकों को पुरस्थापित किया जाता है उस पर बहस नहीं होती है. काग्रेस चाय के प्याले में तूफान लाना चाहती है. इसी बीच भाजपा विधायक घनश्याम तिवाडी ने फिर से व्यवस्था का प्रश्न उठाया और आसन से बोलने की अनुमति मांगी. लेकिन नहीं मिलनें पर यहां तक कह दिया कि वो सदन में धरने पर बैठ जाएंगे जो की ठीक नहीं रहेगा. फिर तिवाड़ी ने आसन के विरोध में और इन विधेयकों के खिलाफ फिर से वॉक ऑउट किया. इसके बाद सदन में शोकाभिव्यक्ति दी गई. दण्ड विॆधियां राजस्थान संशोधन विधेयक और दण्ड प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन विधेयक के पक्ष में सत्ता पक्ष ने अपने तर्क दिए.
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